अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने शुक्रवार को कहा, यह हथियारों की दौड़ के बारे में नहीं है और यह परमाणु हथियारों के बारे में भी नहीं है। यह परमाणु उर्जा के शांतिपूर्ण असैन्य इस्तेमाल के बारे में है और इसलिए हम निश्चित तौर पर उम्मीद करेंगे कि पाकिस्तान इसे समझेगा। वह परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए भारत के आवेदन और पाकिस्तान द्वारा इसका विरोध किए जाने के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे। पाकिस्तान का कहना है कि एनएसजी में भारत की सदस्यता से क्षेत्र में परमाणु हथियारों की दौड़ बढ़ेगी। हालांकि, अमेरिका ने 48 सदस्यीय एनएसजी की महत्वपूर्ण बैठक से पहले कहा है कि वह चाहता है कि भारत के प्रयास में कोई बाधा न आए।
मार्क टोनर ने कहा, राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2015 में अपनी भारत यात्रा के दौरान अमेरिका के इस दृष्टिकोण की पुष्टि की थी कि भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण जरूरतों को पूरा करता है और सदस्यता के लिए तैयार है। लेकिन यह आम सहमति वाली इकाई है, इसलिए हम इंतजार करेंगे और देखेंगे कि मतदान किस तरह होता है। उन्होंने कहा, परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह से जुड़ रहे नए सदस्यों की संभावनाओं के बारे में चर्चा वर्तमान सदस्यों का आंतरिक मामला है। मुझे इसके सिवाय ज्यादा कुछ नहीं कहना कि मेरा मानना है कि वे नियमित तौर पर मिलते हैं। टोनर ने स्पष्ट किया कि आगामी बैठक इस उद्देश्य के लिए नहीं रखी गई है। उन्होंने कहा, यह कोई विशिष्ट बैठक नहीं है। खासकर यह इस मुद्दे पर बात करने के लिए नहीं रखी गई है। पाकिस्तान ने अपना हित सार्वजनिक किया है और निश्चित तौर पर कोई भी देश सदस्यता के लिए अपना आवेदन दे सकता है। हम सर्वसम्मत निर्णय के आधार पर फैसला करेंगे।