अमेरिकी प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल हैरी बी हैरिस ने गुरुवार को कांग्रेस की एक सुनवाई के दौरान सांसदों को बताया कि भारत के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों में आई नई गति प्रशांत कमान के बेहद आशाजनक रणनीतिक अवसर को दर्शाती है।
हैरिस ने कहा, अमेरिका और भारत की सेनाओं के बीच के संबंध गहरे हुए हैं क्योंकि ये दोनों बल एक साथ प्रशिक्षण एवं संचालन को बढ़ा रहे हैं। यूएसपीएसीओएम इस महत्वपूर्ण संबंध में गति लाना चाहता है। उन्होंने कहा कि पिछले साल जनवरी में राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एशिया-प्रशांत एवं हिंद महासागर क्षेत्र के एक संयुक्त रणनीतिक विजन पर हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक दस्तावेज उस क्षेत्र के लिए साझा विचारों और हितों को प्रदर्शित करता है।
पिछले साल जून में, रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों ने 10 वर्षीय रक्षा मसविदा समझौते का नवीकरण किया था। हैरिस ने कहा, अमेरिकी और भारतीय सेनाओं ने वर्ष 2015 में तीन बड़े अभ्यासों और 62 अन्य सैन्य आदान-प्रदानों में हिस्सा लिया। इनमें युद्ध से लेकर मानवीय मदद और आपदा मोचन तक शामिल हैं। अमेरिका-भारत रक्षा तकनीक एवं व्यापार पहल (डीटीटीआई) ने अवसरों को और विस्तार दिया है।
हैरिस ने कहा, रक्षा बिक्री सर्वकालिक ऊंचे स्तर पर है और अमेरिकी एयरफ्रेम पी-8, सी-13जे, सी-17, एएच-64 और सीएच-47 अंतरसंचालन बढ़ाते हैं। यूएसपीएसीओएम सैन्य संवाद की संभावनाओं को विस्तार देकर भारत के साथ साझेदारी को आगे बढ़ाएगा।