क्लीवलैंड वासी भारतीयों ने कहा कि अर्थव्यवस्था की समीक्षा, आतंकवाद और आव्रजन जैसे मुद्दे उनके दिल के करीब हैं और इन मुद्दों पर वह रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को करीब पाते हैं। डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के लिए मतदान कर वे ओबामा प्रशासन को चार साल और नहीं देना चाहते। बहरहाल, महिलाओं के बारे में ट्रंपके हालिया बयानों ने उन्हें डरा दिया है और उनका मानना है कि यह तानाशाह की प्रवृत्तियों को बढ़ावा देता है। भारतीय अमेरिकी समुदाय का अहम चेहरा रहे सतीश पारिख ने कहा, इस देश को चलाने के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार के पास मूल्य और चरित्र नहीं हैं। पारिख तीन दशक से भी अधिक समय से क्लीवलैंड में रह रहे हैं। चुनावी चक्र के शुरूआती चरण में वह खुद को ट्रंप की नीतियों के करीब पाते थे लेकिन दूसरी बहस में हिलेरी को जेल पहुंचाने की धमकी देने और तीसरी बहस में चुनाव परिणामों को अस्वीकार करने की बात ट्रंप द्वारा कहे जाने के बाद उनका कहना है, मेरा ट्रंपके प्रति झुकाव नहीं रहा।
तीन दशक से भी अधिक समय से क्लीवलैंड में रह रहे ऐसे ही एक कारोबारी धवल चौकसी ने कहा, कई चीजें अनिश्चितता की स्थिति में हैं। इस वक्त मैं उलझन में हूं लेकिन निश्चित तौर पर मैं ट्रंप के लिए मतदान नहीं करने जा रहा हूं। हमलोग ट्रंप के खिलाफ मतदान करेंगे, लेकिन हिलेरी के लिए भी मतदान नहीं करेंगे। अगर हमें कोई बेहतर रिपब्लिकन उम्मीदवार मिले तो हम उनके लिए मतदान करेंगे। मैं हिलेरी के लिए मतदान नहीं करूंगा। धवल के पिता राज गुजरात सरकार से सेवानिवृत्त होने के बाद 68 साल की उम्र में अमेरिका आए थे। उन्होंने कहा, आव्रजन, आतंकवाद पर ट्रंप की नीतियां सकारात्मक हैं लेकिन लोकतंत्र के प्रति उनका दृष्टिकोण तानाशाह की ओर झुकाव रखता है। यही वजह है कि यहां के भारतीय समुदाय के लोग उनके खिलाफ मतदान कर रहे हैं।