अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक बार फिर अफगानिस्तान के मुद्दे को लेकर राष्ट्र को संबोधित किया है, जिसमें उन्होंने शुक्रवार को अमेरिकी नागरिकों और अफगान नागरिकों की निकासी को इतिहास में सबसे बड़े और सबसे कठिन एयरलिफ्ट में से एक बताया है।
राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि अमेरिका जुलाई से अब तक 18,000 से अधिक लोगों को और 14 अगस्त को सैन्य हवाई यात्रा शुरू होने के बाद से लगभग 13,000 लोगों को निकाल चुका है। यह इवेक्युएशन (निकासी) मिशन खतरनाक है, इसमें सशस्त्र बलों के लिए जोखिम शामिल है और इसे कठिन परिस्थितियों में संचालित किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि वे वादा नहीं कर सकता कि अंतिम परिणाम क्या होगा, लेकिन यह नुकसान के जोखिम के बिना होगा।
व्हाइट हाउस के एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाइडन ने संवाददाताओं से कहा, "हमने काबुल हावई अड्डे को सुरक्षित किया है, जिससे न केवल सैन्य उड़ानें बल्कि अन्य देशों के पैसेंजर चार्टरों से उनके नागरिकों और मजबूर अफगानियों को बाहर निकालने वाले गैर सरकारी संगठन फिर से उड़ाने शुरू करने के लिए सक्षम हो रही है। आज अकेले 5 हजार से ज्यादा अमेरिकी लोगों को वहां से निकाला जा चुका है। अफगानिस्तान के काबुल में हमारे ज्यादा अमेरिकी लोगों को वहां से निकाला जा चुका है।"
उन्होंने आगे कहा कि अफगानिस्तान के काबुल में हमारे 6000 सैनिक हवाई अड्डे के आसपास और रनवे की सुरक्षा कर रहे हैं। इसमें 82वें एयरबोर्न शामिल हैं। हवाई अड्डे के चारों औऱ सेना का 10वां माउंटेन डिवीजन खड़ा है। यह इतिहास का सबसे बड़ा और सबसे कठिन एयरलिफ्टों में से एक है।
न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन पोस्ट, वॉल स्ट्रीट जर्नल के प्रबंधन के साथ घनिष्ठ समन्वय में काम करते हुए, अमेरिका ने इस हफ्ते की शुरुआत में अफगानिस्तान में अपने सभी 204 कर्मचारियों को अमेरिकी सैन्य विमानों से सफलतापूर्वक निकाला है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई भी अमेरिकी जो घर आना चाहते हैं उन्हें वे घर पहुंचाएंगे।