लुई बर्जर द्वारा गोवा की एक परियोजना के लिए 9,76,000 डॉलर की रिश्वत की बात सामने आई है जिसमें एक मंत्री भी शामिल है, हालांकि अमेरिकी विधि विभाग ने इसका अधिक ब्यौरा नहीं दिया है।
कंपनी ने कल ही भारत, इंडोनेशिया, वियतनाम और कुवैत में सरकारी निर्माण प्रबंधन ठेके लेने के लिए अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोपों को निपटाने के लिये 1.71 करोड़ डॉलर का जुर्माना चुकाने पर सहमति जताई है।
मामले में कंपनी के दो पूर्व कार्यकारियों –फिलीपींस के रिचर्ड हिर्ष और यूएई के जेम्स मैक्लंग को रिश्वत के आरोपों में दोषी ठहराया गया। मामले में सजा अब 5 नवंबर 2015 को सुनाई जाएगी।
भारत सरकार ने जापान सरकार के सहयोग से गोवा में पांच साल के जलापूर्ति और मल निकासी परियोजना के विस्तार का काम शुरू किया था। लुई बर्जर गोवा की इस परियोजना के कंसोर्सियम का हिस्सा थी। कंसोर्सियम में दो जापानी और एक भारतीय कंपनी भी शामिल थी।
लुई बर्जर के भारत में गुड़गांव, मुंबई, चेन्नई और हैदराबाद में कार्यालय हैं और यह भारत में 1998 से कार्यरत है। संघीय अधिवक्ता का आरोप है कि कंपनी ने कई समूह भागीदारों के साथ गोवा और गुवाहटी में दो जल विकास परियोजनाएं हासिल की। इन दोनों ठेकों को हासिल करने के लिए कंपनी ने रिश्वत दी।