यह 1960 के आखिर की बात होगी जब चार्ल्स मैनसन की हरकतों ने पूरे विश्व को स्तब्ध कर दिया था। मैनसन कल्ट के नाम से वह अपना ‘परिवार’ बढ़ाना चाहता था। अपनी तरह के लोग खोजने के लिए उसने हत्याएं कराने से भी गुरेज नहीं किया।
दक्षिण कैलिफोर्निया की एक जेल में चार्ल्स मैनसन ने कल 83 साल की उम्र में दुनिया छोड़ दी। सुधार केंद्र में रखे गए मैनसन की मृत्यु प्राकृतिक थी। जेल अधिकारियों ने जब इस बात की घोषणा की तो अमेरिका सहित विश्व के दूसरे देशों में भी फिर रीढ़ की हड्डी कंपा देने वाले उसके अपराध ताजा हो गए।
अपना पंथ और विचारधारा फैलाने के उद्देश्य से इस सनकी आदमी के कहने पर कई अपराध हुए जिनमें नौ लोगों की हत्या ने समूचे विश्व को हिला दिया था। इन हत्याओं में हॉलीवुड अभिनेत्री शैरोन टेट भी थी। शैरोन की जिस वक्त हत्या हुई वह सात माह की गर्भवती थी। चार्ल्स के कहने पर उसके ‘परिवार’ के सदस्यों ने चाकूओं से गोद कर शैरोन की हत्या कर दी थी। शैरोन के चार दोस्तों अबिगेल फ्रॉजर और सेलेब्रिटी हेयरस्टाइलिस्ट जे सेबरिंग की भी उसी रात हत्या कर दी थी। शैरोन की हत्या के बाद हत्यारों ने खून से दीवार पर ‘सूअर’ लिख दिया था। एक जनरल स्टोर के मालिक ला बिनाका और उसकी पत्नी रोजमैरी की हत्या के बाद मैनसन कल्ट के सदस्यों ने खून से दीवार पर लिखा, ‘सुअरों की मौत।’ सन 1969 के दिनों में वह भय का पर्याय बन गया था। 1994 में मैनसन को सजा देने वाले विनसेंट ने एक बार अमेरिका के अखबार को कहा था, ‘‘मैनसन नाम हैवानिय का पर्याय बन गया था।’
मैनसन 20वीं शताब्दी का सबसे चर्चित और बदनाम अपराधी था। उसके प्रभाव में युवाओं की लंबी जमात थी, जो समाज के लिए सबसे ज्यादा चिंता की बात थी। उसकी महिला अनुयायियों ने भी नस्लवादी युद्ध में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था और सात लोगों की हत्या कर दी थी। चार्ल्स पूरी दुनिया पर अपना प्रभुत्व जमाना था। वह डर का साम्राज्य चाहता था। हालांकि मैनसन ने एक भी कत्ल नहीं किया लेकिन यह सारे कत्ल उसकी आज्ञा और अनुशंसा से ही हो रहे थे। बाद में उसे म्यूजिक टीचर गैरी हिनमैन की हत्या के जुर्म में सजा हुई थी। मैनसन को मौत की सजा सुनाई गई थी लेकिन बाद में कैलिफोर्निया सुप्रीम कोर्ट ने 1972 में उसकी सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था।
चार्ल्स माइल्स मैडोक्स का जन्म 12 नवंबर 1934 को सिनसिनाटी में हुआ था। मैनसन की मां एक सोलह साल की किशोरी थी। मैनसन ने अपना ज्यादातर जीवन रिश्तेदारों और किशोर बालसुधार गृह में ही गुजारा। 13 साल की उम्र में उसे हथियार चुराने के लिए गिरफ्तार किया गया था। पैरोल पर बाहर आने के बाद 1967 में उसने अपना ‘परिवार बनाने के बारे में सोचा। उसने सैनफ्रान्सिस्को के हेट-ऐशबरी को हिप्पियों के लि स्वर्ग बना दिया था।’ कम्यूनल सेक्स और ड्रग्स का इस्तेमाल यहां भरपूर होता था। एक तरह से मैनसन भगौड़ों, अपराधियों के लिए मसीहा बन गया था। वह अपने करिश्में और आध्यात्म की बातों से युवाओं को आसानी से भरमा लेता था। उसके अड्डे से पकड़े गए लोगों में से कुछ ने पुलिस को कहा था कि कहीं भी कोई भी बात उसके बारे में की जाए वह सब सुनने में सक्षम था।
मैनसन रॉक स्टार बनना चाहता था। लेकिन अंततः उसका नाम क्रूरतम लोगों में शामिल हुआ। मैनसन ने अपने माथे पर स्वास्तिक चिन्ह गुदवाया हुआ था। उसके कल्ट का यही निशान था। एक सुनवाई के दौरान वह अपने बचाव में जज के सामने यह चिल्लाते हुए कूद गया था कि क्रिश्चिय न्याय के नाम पर कोई भी तुम्हारी गर्दन कलम कर सकता है।