अकबर 70 वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत समानता में विश्वास करनेवाला देश है न कि दादागिरी में। उन्होंने आतंकवाद को मानवाधिकार के लिए दुनिया का सबसे बड़ा खतरा भी बताया। मंत्री ने पीटीआई से कहा, आतंकवाद दुनिया का सबसे बड़ा दुश्मन है। वे लोग जो मानवाधिकार के मुखौटे का प्रयोग आतंक को बढ़ावा देने के लिए करते हैं, वो बड़े ढ़ोगियों में से एक हैं। उन्होंने आगे कहा, भारत आस्था के वर्चस्व में विश्वास नहीं करता है, जिन देशों का निर्माण आस्था के वर्चस्व के नाम पर हुआ उनमें आज टूट-फूट मची हुई है। अकबर अमेरिका में भारतीय वाणिज्य दूतावास में तिरंगा फहराने के दौरान बोल रहे थे। मौके पर भारतीय समुदाय के काफी लोग मौजूद थे।
पदभार संभालने के बाद पत्रकार से राजनेता बने अकबर का यह पहला अमेरिका दौरा था। अकबर ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा, दादागिरी के कारण ही 1971 में बांग्लादेश अलग हुआ और अब ब्लूचिस्तान का मामला भी सामने आ रहा है। अकबर का यह बयान ऐसे समय आया है, जब भारतीय प्रधानमंत्री ने भी लाल किले से अपने भाषण में पाकिस्तान पर हमला बोला था। उन्होंने परोक्ष रूप से पाकिस्तान को फिर से निशाने पर लेते हुए कहा, आस्था की समानता हमारे राष्ट्र के प्राचीन दर्शन से उभरती है। सभ्यता और स्थिरता को चुनौती उनकी ओर से मिल रही है जिनमें हमारे पड़ोसी भी शामिल हैं जो आस्था की समानता के विपरीत आस्था के वर्चस्व में यकीन करते हैं, जो इस बात में यकीन रखते हैं कि एक आस्था अन्य से सर्वोच्च है। अकबर ने कहा कि भारत सभी धर्मों और विश्वास वाले लोगों की आजादी और समानता में विश्वास करता है। ये बात सिर्फ यहां के कानून में ही नहीं बल्कि समाज में भी लागू है। उन्होंने आगे कहा कि आजादी का मतलब सिर्फ वोट डालना नहीं होता है बल्कि रोज अपने इस अधिकार का उपयोग करना होता है।
उन्होंने कहा, मैं भारत में काफी गर्व से रहनेवाला मुसलमान हूं और मेरे देश में अजान पिछले 1400 सालों से सुनाई दे रहा है और आगे भी 1400 साल तक सुनाई देगा। यह भारत के लोगों के विश्वास और उनकी इच्छा से निकला हुआ है। मंत्री ने कहा कि भारत का संविधान महात्मा गांधी और स्वतंत्रता के लिए अपना बलिदान देने वाले लोगों की प्रेरणा से बना हुआ है। हमारा संविधान आधुनिकता के लिए आदर्श होने के साथ ही साथ भविष्य और पूरी दुनिया के लिए आदर्श है। उन्होंने कहा, स्वतंत्रता हमारे संविधान में महत्वपूर्ण स्थान रखती है और इसे हमसे कोई भी नहीं ले सकता है। उन्होंने आगे कहा, अगले 70 सालों के लिए हमारा लक्ष्य बिल्कुल साफ है। आने वाला समय भारत को समृद्धि की ओर ले जाएगा, जिसमें सभी का विकास होगा। यही सही मायने में राष्ट्रवाद है।
एजेंसी