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ओबामा ने ट्रंप को ईरान और पेरिस समझौता रद्द करने के खिलाफ चेताया

अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा ने नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चेताया है कि वह ईरानी परमाणु समझौता और पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते जैसे अंतरराष्ट्रीय निर्णयों को रद्द नहीं करें। ओबामा ने कहा कि इन ऐतिहासिक समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिए बहुत प्रयास किए गए हैं।
ओबामा ने ट्रंप को ईरान और पेरिस समझौता रद्द करने के खिलाफ चेताया

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान के साथ परमाणु समझौते और पेरिस समझौतों को रद्द करने की मंशा पर निवर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि ये समझौते अंतरराष्ट्रीय महत्व के हैं और इन्हें काफी प्रयासों के बाद अमली जामा पहनाया गया है, इसलिए उन्हें रद्द न करें। ओबामा ने कहा, यह परंपरा रही है कि ऐसे समझौतों की समीक्षा जांच में अगर पता चले कि ये हमारे लिए अच्छे हैं तो अन्य प्रशासन उन्हें लेकर आगे बढ़ते रहे हैं। साथ ही वे अन्य देशों को ऐसे काम करने के लिए तैयार करते हैं। उन्होंने कहा कि ईरानी परमाणु समझौता यहां हुई कुछ बयानबाजी और वास्तविकता के बीच अंतर का अच्छा उदाहरण है। ओबामा ने कहा, मुझे लगता है कि ईरान समझौता होने से पहले इसके गुण-दोषों के बारे में जोरदार बहस हुई है और हमारे प्रशासन ने जिस प्रकार इसे तैयार किया, उसे लेकर मैं वास्तव में बहुत गौरवान्वित हूं। 

ओबामा ने कहा, समझौते के समय मुख्य चर्चा यह थी कि ईरान इस समझौते का पालन नहीं करेगा। अब हमारे पास सबूत हैं कि एक साल में उसने समझौते का पालन किया है। यह केवल मेरी राय नहीं, यह इस्राइली सेना और खुफिया अधिकारियों की राय है जो इस समझौते का जोरदार विरोध करने वाली सरकार का हिस्सा हैं। ओबामा ने पेरिस जलवायु समझौते के बारे में कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय समझौते को रद्द करने की संभावना पर बहुत बातचीत हुई है। उन्होंने कहा, अब आपके पास 200 देश हैं जिन्होंने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और अच्छा समाचार यह है कि हम पिछले पांच, छह, आठ वर्षों में यह दिखाने में सफल रहे हैं कि कार्बन उत्सर्जन कम करने के साथ अर्थव्यवस्था का वास्तव में तेजी से विकास करना संभव है। ओबामा ने कहा, पेरिस समझौता संभावित रूप से प्रदूषण फैलाने वाले चीन और भारत एवं अन्य देशों से कहता है कि आइए साथ मिलकर काम करें। 

ओबामा ने कहा, परमाणु समझौता अमेरिका और ईरान के बीच ही नहीं है बल्कि सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों एवं जर्मनी और कुछ अन्य देशों में हुआ है जिनमें से कुछ अमेरिका के निकट सहयोगी हैं। उन्होंने कहा कि जो चीज काम नहीं कर रही, उसकी तुलना में उस चीज को वापस लेना अधिक मुश्किल होता है जो काम कर रही हो। जब आप इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं, तो मुझे लगता है कि आप उसे बेकार समझौता कह सकते हैं। आप जब समझौते के लिए जिम्मेदार हैं और ईरान को परमाणु हथियार प्राप्त करने से रोक रहे हैं, तो आपके द्वारा तथ्यों पर नजर डाले जाने की अधिक संभावना है।

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