पुलिस अधिकारियों ने आज बताया कि सैयद रिजवान फारूक (28) और उसकी पत्नी ताशफीन मलिक (27) के घर की तलाशी में उन्हें हथियारों और विस्फोटकों का जखीरा मिला जिनमें एक दर्जन पाइप बम और हजारों कारतूस भी शामिल हैं। फारूक और तशफीन को पुलिस ने कई घंटे की तलाश के बाद मार गिराया था। पुलिस ने कहा था कि ये दोनों हथियारों से लैस थे और लड़ाकुओं जैसे कपड़े पहने हुए थे। दंपति की छह माह की एक बच्ची भी है। पुलिस के मुताबिक, तशफीन मलिक के माता-पिता पाकिस्तान से आए प्रवासी हैं।
कैलिफोर्निया के सान बर्नार्डिनो में बुधवार को हुई भीषण गोलीबारी की जांच का जिम्मा एफबीआई ने ले लिया है। कानून प्रवर्तन से जुड़े दो अधिकारियों ने बताया कि एफबीआई इस गोलीबारी को संभावित आतंकी हमले के रूप में देख रही है। बहरहाल, एजेंसी अभी इस निष्कर्ष तक पहुंचने से बहुत दूर है कि यह आतंकी हमला था। अधिकारियों ने बताया कि फारूक पाकिस्तानी मूल का था और ताशफीन पाकिस्तानी नागरिक थी। इन्होंने इनलैंड रीजनल सेंटर में करीब 150 गोलियां चलाईं। बाद में पुलिस के साथ मुठभेड़ में दोनों मारे गए।अधिकारियों ने 14 मृतकों के नाम भी जारी किए हैं। उनकी उम्र 26 से 60 साल के बीच थी। इस हमले में 21 लोग घायल हुए।
विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि तशफीन मलिक को वीजा पाकिस्तान में मिला था। इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास ने उसे के-। वीजा दिया गया था, जो कि सामान्यत: मंगेतरों को दिया जाता है। आम तौर पर के-। वीजा जारी हो जाने के बाद व्यक्ति को मंगेतर के अमेरिका पहुंचने के 90 दिन के भीतर उससे शादी करनी होती है।
सान बर्नारदिनो के पुलिस प्रमुख के अनुसार, हमलावर दंपति ने भारी युद्धक सामग्री जुटा रखी थी, जिसमें हजारों गोलियां और दर्जन भर विस्फोटक पदार्थ थे। इसके अलावा इनके पास चार बंदूकें थीं। यह सामग्री उस अपार्टमेंट से बरामद की गई, जो इस दंपति ने किराए पर लिया हुआ था। ये बंदूकें वैध तरीके से खरीदी गई थीं। दंपति इस गोलीबारी के चार घंटे बाद और दो मील दूर एक भीषण मुठभेड़ में मारे गए जिसमें उन्होंने 76 गोलियां चलाईं जबकि 23 कानून अधिकारियों ने 380 गोलियां दागीं।
पुलिस प्रमुख ने बताया कि निकटवर्ती रेडलैंड्स स्थित हमलावरों के घर में 12 पाइप बम, उन्हें बनाने के लिए उपकरण और 3000 अतिरिक्त गोला बारूद मिले हैं। इस बीच अटाॅर्नी जनरल लोरेटा लिंच ने कहा, हमें नहीं पता कि एेसा कार्यस्थल पर हुए झगडे़ के कारण हुआ या इसके पीछे कोई बड़ा कारण था या यह घटना दोनों कारणों की वजह से हुई।
अतिवादियों के संपर्क में था हमलावार
एक अमेरिकी खुफिया अधिकारी ने बताया है कि कैलिफोर्निया गोलीबारी का मुख्य आरोपी सैयद रिजवान फारूक इस्लामी अतिवादियों के साथ सोशल मीडिया पर संपर्क में था। यह जानकारी एेसे समय पर सामने आई है जब जांचकर्ता यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह गोलीबारी आतंकवादी घटना थी या कार्यस्थल पर झगड़े का परिणाम। एक अन्य अमेरिकी अधिकारी ने अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि संदिग्ध हमलावर नरसंहार से पहले एफबीआई की जांच के दायरे में नहीं थे। फारूक के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को खंगालने पर पता चला है कि हमले से कम से कम एक दिन पहले उसने डेटा को डिलीट करना शुरू कर दिया था। इससे संदेश बढ़ता है कि वह हमले की योजना बना रहा था।
अचानक मस्जिद जाना बंद किया
कैलिफोर्निया से पर्यावरणीय स्वास्थ्य में बैचलर डिग्री लेने वाले फारूक के पिता सैयद फारूक ने संवाददाताओं को बताया कि उनका बेटा एक समर्पित मुस्लिम था। डेली काॅलर की खबर के अनुसार, एक डेटिंग वेबसाइट पर फारूक ने खुद को सुन्नी मुस्लिम बताया था। आमतौर पर वह रोजना मस्जिद में पढ़ने जाता था लेकिन बताया जाता है कि गोलीकांड से कई हफ्ते पहले उसने अचानक मस्जिद जाना बंद कर दिया। उसके दोस्तों ने आखिर बार उसे तीन हफ्ते पहले मस्जिद में देखा था।
हज के दौरान हुई तशफीन से मुलाकात
न्यूयाॅर्क पोस्ट की खबर के अनुसार, कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने पाया कि फारूक की मुलाकात सउदी अरब में हज के दौरान तशफीन से हुई और वह चरमपंथी विचारों से प्रभावित हो गया था। जांचकर्ताओं ने सीएनएन को बताया कि फारूक फोन और सोशल मीडिया के जरिए एक से ज्यादा आतंकी विषयों के संपर्क में था।
ज्यादा भयानक हो सकता था नरसंहार
पुलिस के मुताबिक, बुधवार को हुआ नरसंहार और भी भयानक हो सकता था। हमलावर दंपति ने सामाजिक सेवा केंद्र में रिमोट से संचालिक एक विस्फोटक उपकरण के साथ तीन पाइप बम छोड़े थे जिनमें वस्तुत: कोई गड़बड़ी हो गई। पुलिस के साथ मुठभेड़ में वे मारे गए थे, उस समय उनके पास 1600 से अधिक गोलियां थीं।