सीआईए के निदेशक जॉन ब्रेनन ने इराक, सीरिया, यमन, लीबिया, अफगानिस्तान, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान जैसे देशों का जिक्र करते हुए कहा, विश्व के इन देशों की गतिविधियां नीति निर्माताओं और हमारी एजेंसी के सामने रणनीतिक एवं सामरिक चुनौतियां पेश कर रही हैं। उन्होंने कहा, इन संवेदनशील देशों में गतिविधियों पर नजर रखने के अलावा हमारे विश्लेषक वैश्विक स्थिरता के समग्र रुझान पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने पेशावर के एक स्कूल में पिछले साल हुए आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए कहा, पाकिस्तान में बंदूकधारियों ने दिसंबर में स्कूली बच्चों पर गोलियां चलाकर जो दुष्टता दिखाई, वह स्तब्ध करने वाली है। इस हमले में 153 लोग मारे गए थे जिनमें अधिकतर छात्रा थे।
ब्रेनन ने काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के समक्ष अपनी टिप्पणियों में कहा कि ये हमले विचलित करने वाली प्रवृत्ति दिखाते हैं जिस पर हम कुछ समय से नजर रख रहे हैं। आतंकवादी हमलों का खतरा विकेंद्रीकृत होता जा रहा है, जिस पर नजर रखना और जिसे हराना मुश्किल काम है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से अस्थिरता बढ़ रही है। ब्रेनन ने कहा, अस्थिरता बढ़ने से अनियंत्रित स्थलों की संख्या, मानवीय संकट एवं सीमाओं पर शरणार्थियों की संख्या बढ़ेगी, हथियार एवं लड़ाके बढ़ेंगे तथा संघर्ष से परेशान लोगों में लोकतांत्रिाक मूल्यों के बजाए सुरक्षा पर जोर अधिक बढ़ेगा। उन्होंने कहा, सीआईए इन चुनौतियों से निपट रही है। विश्वभर में खुफिया सेवाओं से हमारे जो संबंध हैं, उनसे हमें काफी मदद मिलती है। हमारे प्रयासों के इस महत्वपूर्ण पक्ष के बारे में अधिक लोग नहीं जानते हैं। उन्होंने अन्य देशों की खुफिया एजेंसियों के साथ संबंध स्थापित करने पर बल दिया।