थिंक टैंक ने इस बात पर जोर दिया कि ट्रंप प्रशासन को इस्लामाबाद को स्पष्ट रूप से बता देना चाहिए कि यदि वह इन आतंकी समूहों को समर्थन देना जारी रखता है तो उसे प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा। सीएसआईएस की यह रिपोर्ट सोमवार को जारी की गई। यह रिपोर्ट को एंथनी एच कॉर्ड्समैन ने बनाई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान संघर्ष में और अपनी सैन्य राजनीतिक, शासन एवं गरीबी हर संदर्भ में बुरा प्रदर्शन कर रहा है। पाकिस्तान अब भी तालिबान एवं हक्कानी नेटवर्क की पनाहगाह बना हुआ है और वह सहयोगी होने के बजाय खतरा अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि युद्ध के सैन्य एवं असैन्य आयामों में बेहतर दृष्टिकोण एवं बेहतर रणनीति होनी चाहिए।
इसमें कहा गया है कि कोई भी प्रतिबद्धता असीमित नहीं होनी चाहिए। अफगानिस्तान को बहुत अधिक, बहुत बेहतर करना होगा ताकि अमेरिकी प्रतिबद्धता के हर आगामी वर्ष को न्यायोचित ठहराया जा सके। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका को पाकिस्तान को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यदि वह तालिबान को समर्थन देना और हक्कानी नेटवर्क को समर्थन करना जारी रखता है तो उसे मिलने वाली मदद पूरी तरह बंद कर दी जाएगी और उस पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
इसमें कहा गया है कि अमेरिका को चीन को यह स्पष्ट करना चाहिए कि अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान संबंधी समस्या से निपटने में चीन का सहयोग चीन और अमेरिका दोनों के हित में होगा। सीएसआईएस ने कहा कि अमेरिका को यह पूरी तरह स्पष्ट करना चाहिए कि वह अफगानिस्तान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता एवं अफगान प्रदर्शन की एक सार्वजनिक वार्षिक समीक्षा करेगा। (एजेंसी)