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श्रीलंका ने किया अल्पसंख्यकों के अधिकारों का उल्लंघन

एक नई स्वतंत्र रिपोर्ट में कहा गया है कि श्रीलंका लिट्टे के पराजय के साथ देश में गृह युद्ध खत्म होने के छह साल बाद भी अपने धार्मिक और जातीय मूल के अल्पसंख्यकों के अधिकारों का उल्लंघन कर रहा है।
श्रीलंका ने किया अल्पसंख्यकों के अधिकारों का उल्लंघन

कैलिफोर्निया स्थित आकलैंड इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट द लांग शैडो ऑफ वार ‘स्टगल फॉर जस्टिस’ इन पोस्ट-वार श्रीलंका में कहा गया है कि तमिलों के पारंपरिक क्षेत्रों में अब भी फौज का कब्जा है। कम से कम 160,000 सैनिक हैं जिसमें अधिकतर सिंहली हैं। इस तरह छह तमिल नागरिकों पर एक सैनिकों की निगरानी है। गुरुवार को जारी एक हुई रिपोर्ट में कहा गया है कि श्रीलंकाई सेना बड़े पैमाने पर विकास कार्य में जुड़ी है।

दूसरी तरफ, हजारों तमिल परिवार अब भी अपनी जमीन से बेदखल हैं। इसमें कहा गया है कि विजय स्मारक और बौद्ध मंदिरों के निर्माण के लिए सरकार के नेतृत्व में तमिल संस्कृति और इतिहास को जानबूझकर नजरअंदाज करने का प्रयास हो रहा है। यह तमिलों के पुराने क्षेत्र में सिंहली समुदाय का दबदबा दिखाता है।

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