विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को अमेरिकी समकक्ष मार्को रुबियो के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकवादी हमले पर चर्चा की।
जयशंकर ने कहा कि हमले के अपराधियों, समर्थकों और योजनाकारों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।
जयशंकर ने एक्स पर लिखा, "कल अमेरिकी विदेश मंत्री रूबियो के साथ पहलगाम आतंकवादी हमले पर चर्चा की। इसके अपराधियों, समर्थकों और योजनाकारों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।"
वार्ता के दौरान रुबियो ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ सहयोग के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने एक बयान में कहा, "पहलगाम में हुए "भयानक आतंकवादी हमले" में मारे गए लोगों के लिए दुख व्यक्त करते हुए रुबियो ने भारत को "तनाव कम करने" और दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित किया।"
दोनों नेताओं के बीच बातचीत ऐसे समय में हो रही है जब 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए क्रूर हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन में वृद्धि हुई है। इस हमले में आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी और कई अन्य घायल हो गए थे।
भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान की सेना की अकारण छोटे हथियारों से की गई गोलीबारी का प्रभावी ढंग से जवाब दिया है। हमले के बाद, भारत ने सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए हैं, जिसमें सिंधु जल संधि को स्थगित रखना और अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट को बंद करना शामिल है। भारत ने उच्चायोगों की संख्या में भी कटौती करने का फैसला किया है।
इससे पहले 29 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बैठक की अध्यक्षता की थी। इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हुए थे। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद थे।
यह बैठक पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद 23 अप्रैल को सुरक्षा पर कैबिनेट समिति की बैठक के कुछ दिनों बाद हुई। सरकारी सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद को करारा झटका देना भारत का राष्ट्रीय संकल्प है।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमताओं पर पूरा भरोसा और विश्वास जताया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों को भारत की प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय पर निर्णय लेने की पूरी स्वतंत्रता है।
मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह शामिल हुए।