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बाइडन प्रशासन पिछले कुछ दशकों में प्रबल भारत समर्थक प्रशासनों में से एक रहा है

विदेशी मामलों की जानकार एवं जानी मानी विशेषज्ञ अपर्णा पांडे का कहना है कि निवर्तमान बाइडन प्रशासन...
बाइडन प्रशासन पिछले कुछ दशकों में प्रबल भारत समर्थक प्रशासनों में से एक रहा है

विदेशी मामलों की जानकार एवं जानी मानी विशेषज्ञ अपर्णा पांडे का कहना है कि निवर्तमान बाइडन प्रशासन पिछले कुछ दशकों में सबसे अधिक भारत समर्थक प्रशासनों में से एक रहा है और किसी अन्य राष्ट्रपति प्रशासन के लिए इसका अनुसरण करना कठिन होगा।

‘हडसन इंस्टीट्यूट’ में ‘फ्यूचर ऑफ इंडिया एंड साउथ एशिया पहल’ की निदेशक अपर्णा पांडे ने पीटीआई से कहा, ‘‘निवर्तमान बाइडन प्रशासन पिछले कुछ दशक में सबसे ज्यादा भारत समर्थक प्रशासनों में से एक रहा है और किसी भी राष्ट्रपति प्रशासन के लिए इसका अनुसरण करना कठिन कार्य होगा। भारत के साथ संबंध इस विश्वास के कारण मजबूत हुए कि भारत का विकास अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के लिए महत्वपूर्ण है।’’

‘चाणक्य टू मोदी: इवोल्यूशन ऑफ इंडियाज फॉरेन पॉलिसी’ सहित कई पुस्तकों की लेखिका पांडे ने कहा कि उच्च प्रौद्योगिकी सहित सुरक्षा तथा रक्षा क्षेत्र में संबंधों में मजबूती आई है जिसकी भारत दशकों से उम्मीद कर रहा था।

आगामी ट्रंप प्रशासन में भारत-अमेरिका संबंधों के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि भारत उन चुनिंदा देशों में से एक है जिन्हें दोनों दलों का समर्थन प्राप्त है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत के प्रधानमंत्री मोदी के साथ ट्रंप के संबंध अच्छे हैं और भारत के बारे में ट्रंप का रुख सकारात्मक है। प्रमुख पदों के लिए नामित उनके सहयोगी माइक वाल्ट्ज, मार्को रुबियो ने भी लंबे समय से भारत समर्थक रुख दिखाया है। ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान ही हिंद प्रशांत नीति, क्वाड बने और भारत के साथ उच्च प्रौद्योगिकी (एसटीए-1) साझा करना शुरू किया गया था, इसलिए इनमें से अधिकांश के जारी रहने की संभावना है।’’

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