संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मंगलवार को अल-कायदा प्रतिबंधों की सूची में फजलुल्ला (40) का नाम शामिल कर दिया और अब उसकी संपत्ति जब्त की जा सकती है और उस पर यात्रा एवं हथियार प्रतिबंध लग सकता है।
पिछले महीने के अंत में पाकिस्तान के अशांत खैबर कबिलाई इलाके में किये गए हवाई हमले में रेडियो मुल्ला के नाम से जाने वाला तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का कमांडर गंभीर रूप से घायल हो गया। हवाई हमले में उसके मारे जाने की अपुष्ट खबरें भी सामने आई थी।
जनवरी में अमेरिका ने फजलुल्ला को एक वैश्विक आतंकवादी करार दिया था और उसके खिलाफ प्रतिबंध लगाए गए थे। सुरक्षा परिषद समिति ने अल-कायदा के प्रतिबंधों की सूची में फजलुल्ला का नाम शामिल करने को मंजूरी प्रदान कर दी और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान की गतिविधियों या कृत्यों के प्रसार के लिए वित्त पोषण, योजना बनाने, सुविधा मुहैया कराने और तैयारी का जिम्मेदार माना है।
फजलुल्ला स्वात घाटी में तालिबान का नेता था। वह नवंबर 2013 में अमेरिकी ड्रोन हमले में हकीमुल्ला के मारे जाने के बाद वह तालिबान का प्रमुख बना था। उनके नेतृत्व में टीटीपी ने दिसंबर 2014 में पेशावर स्थित सेना के एक स्कूल पर हमला करने का दावा किया था। इस हमले में कम से कम 132 बच्चे, 10 शिक्षक और तीन सैनिक मारे गए थे।
टीटीपी के नेता बनने से पहले फजलुल्ला ने दावा किया था कि 2013 के सितंबर में पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारी मेजर जनरल सनाउल्ला नियाजी की हत्या के पीछे और 2012 में स्कूली छात्रा मलाला यूसुफजई पर हमला करने का आदेश देने में उसका हाथ रहा था।
उसे जून 2012 में 17 पाकिस्तान सैनिकों पर हमला करने और तालिबान के खिलाफ शांति समिति का नेतृत्व करने वाले बुजुर्गों की हत्या करने का भी जिम्मेदार माना जाता है। फजलुल्ला ने पाकिस्तान में स्वात घाटी में 2007 से 2009 तक स्थानीय टीटीपी का नेतृत्व किया था।