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डोनाल्ड ट्रंप का दावा- चार अमेरिकी दूतावासों को उड़ाना चाहता था सुलेमानी

अमेरिकी हमले में ईरान के कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव जारी है।...
डोनाल्ड ट्रंप का दावा- चार अमेरिकी दूतावासों को उड़ाना चाहता था सुलेमानी

अमेरिकी हमले में ईरान के कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव जारी है। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि सुलेमानी 4 दूतावासों को निशाना बनाने जा रहा था। ट्रंप ने शुक्रवार देर रात कहा, “मुझे लगता है कि वह चार दूतावासों पर हमले की साजिश रच रहा था। शायद बगदाद स्थित दूतावास पर भी हमले की साजिश थी।” ट्रंप ने फॉक्स न्यूज़ को दिए एक इंटरव्यू में दावा करते हुए कहा कि कासिम सुलेमानी अमेरिकी दूतावास के अलावा दूसरे संगठनों पर भी बड़े हमले की योजना बना रहा था।

ट्रंप ने कहा, वह अमेरिकियों पर फिर से हमले की साजिश रच रहा था। हमने उसको ढेर कर दिया और अमेरिकियों पर हमला करने से रोक दिया। सुलेमानी को बहुत पहले ही मार दिया जाना चाहिए था। बता दें कि पिछले हफ्ते सुलेमानी को अमेरिकी एयर स्ट्राइक में मार गिराया था।

ईरान ने की जवाबी कार्रवाई

ईरान के मेजर जनरल रहे कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद ईरान ने 8 जनवरी की आधी रात को इराक में मौजूद अमेरिका के दो सैन्य ठिकानों पर मिसाइल से हमला किया। इराक में ईरान ने एक दर्जन से ज्यादा बैलिस्टक मिसाइलें दागीं।

ईरान बोला- बदला हुआ पूरा

ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने अमेरिकी बलों पर किए गए ताजा हमले को आत्मरक्षा में उठाया गया कदम बताते हुए कहा है कि इससे कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला पूरा हो गया है। उन्‍होंने यह भी कहा कि हम तनाव बढ़ाना या युद्ध नहीं चाहते हैं लेकिन किसी भी हमले से अपनी रक्षा जरूर करेंगे। हम आत्‍मरक्षा के अंतरराष्‍ट्रीय कानूनों पर अमल करेंगे।

ईरान द्वारा किए गए हमले में कोई अमेरिकी हताहत नहीं

ईरान के इस हमले के बाद ट्रंप ने कहा, 'हमारा कोई भी हताहत नहीं हुआ है। हमारे सभी सैनिक सुरक्षित हैं और हमारे सैन्य अड्डों बहुत थोड़ा नुकसान हुआ है।' इस हमले को ईरान ने 'अमेरिका के चेहरे पर तमाचा' बताया था। ईरान ने दावा किया कि इराक में अमेरिकी ठिकानों पर हमले में कम से कम 80 अमेरिकी सैनिक मारे गए।

ईरान के सरकारी टीवी के मुताबिक, यह हमला ईरान की शक्तिशाली रेवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की शुक्रवार को अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत का बदला लेने के लिए किया गया था।

अमेरिका की विपक्षी पार्टी ने किया विरोध

अमेरिका ने कुर्दिस्तान से भी बातचीत की है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टागस ने कहा कि पोंपियो ने कुर्दिस्तान की क्षेत्रीय सरकार के प्रधानमंत्री मसरूर बारजानी को फोन किया और ईरान के मिसाइल हमले पर बात की। इस बीच अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी ने ईरान के साथ बढ़ते तनाव के लिए ट्रंप को दोषी माना। अमेरिका के पूर्व उप राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इराक और ईरान में आज जो कुछ भी हो रहा है, उसका अनुमान लगाया जा सकता था। यही नहीं उन्‍होंने जनरल सुलेमानी की हत्या का आदेश देने के फैसले की निंदा की।

सुलेमानी को मारने के बाद ईरानी सेना के प्रमुख ने दी थी धमकी

पिछले हफ्ते बगदाद हवाईअड्डे पर अमेरिका ने ड्रोन स्‍ट्राइक में ईरानी कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराया था। इसके बाद ईरान ने अमेरिका से बदला लेने की धमकी दी थी। ईरान की धमकी के बाद अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने बयान जारी कर उसे ऐसा नहीं करने की हिदायत दी थी। साथ ही कहा था कि ईरान के 52 सांस्‍कृतिक धरोहरें उसके निशाने पर हैं। वहीं ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख हुसैन सलामी ने अमेरिका के समर्थन वाले स्थानों को आग के हवाले करने की धमकी दी थी।

 

 

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