ट्रंप ने अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र में कहा कि यहूदी सामुदायिक केंद्रों को निशाना बनाकर हाल में दी गई धमकियां और यहूदी कब्रिस्तानों में तोड़-फोड़ की घटना के अलावा कंसास शहर में पिछले सप्ताह हुई गोलीबारी हमें याद दिलाती हैं कि हमारा देश नीतियों के मामले में भले ही बंटा हुआ हो लेकिन हमारा देश घृणा एवं बुराई के सभी रूपों की निंदा के लिए एकजुट होकर खड़ा है।
ट्रंप ने इस घटना की निंदा करने की कई भारतीय अमेरिकी संगठनों एवं सांसदों की अपील पर ध्यान देते हुए अमेरिकी कांग्रेस में अपने पहले संबोधन में कंसास का जिक्र किया। संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) इस घटना की जांच घृणा अपराध के रूप में कर रहा है।
उन्होंने कहा कि मैं इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट हूं कि राष्ट्रपति को इस शानदार मंच का प्रयोग इस घृणास्पद करतूत की साफ शब्दों में निंदा करने के लिए करना चाहिए और यह मजबूत संदेश भेजना चाहिए कि किसी भी अमेरिकी को अपने समुदाय में डर कर जीने की जरूरत नहीं है।
कंसास से रिपब्लिकन कांग्रेस के सदस्य केविन योदेर ने इससे पहले ट्रंप से अपील की थी, विविध राजनीतिक एवं धार्मिक विचार हमारे देश को महान बनाते हैं और मैं चाहता हूं कि वह इस अवसर का आज रात प्रयोग करें। मैं ओलाथे में पिछले सप्ताह हुई इस मूर्खतापूर्ण घटना को लेकर व्हाइट हाउस के संपर्क में हूं जिसमें श्रीनिवास कुचिभोटला की मौत हो गई थी और आलोक मदसानी एवं इयान ग्रिलॉट घायल हो गए थे।
पूर्व नौसैन्य कर्मी एडम पुरिन्टन ने गोली मार कर श्रीनिवास कुचिभोटला (32) की हत्या कर दी थी और एक अन्य भारतीय आलोक मदसानी (32) को घायल कर दिया था। पुरिन्टन ने उन पर गोलीबारी करने से पहले उन्हें आतंकवादी कहा था। उसने कहा था, मेरे देश से बाहर निकल जाओ।
इस दौरान 24 वर्षीय अमेरिकी इयान ग्रिलॉट भी बीच बचाव करने की कोशिश करते हुए घायल हो गया था। पुरिन्टन (51) ने इन भारतीयों को स्पष्ट रूप से गलती से पश्चिम एशिया से आए प्रवासी समझ लिया था।
हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) ने भी ट्रंप से इस मामले पर बोलने की अपील की थी। (एजेंसी)