अमेरिकी विदेश विभाग ने वाशिंगटन स्थित रूसी दूतावास और सैन फ्रांसिस्को स्थित वाणिज्य दूतावास से 35 राजनयिकों को निकाल दिया है। इनको और इनके परिवार से 72 घंटे के भीतर अमेरिका छोड़ने के लिए कहा गया है।
इन राजयनिकों को अपने राजनयिक स्थिति के प्रतिकूल ढंग से काम करने की वजह से अस्वीकार्य घोषित कर दिया गया है। ओमाबा ने कहा कि अमेरिका के मैरीलैंड और न्यूयॉर्क में स्थित दो रूसी सरकारी परिसरों तक अब रूस के लोगों की पहुंच नहीं होगी।
रूसी अधिकारियों ने ओबामा प्रशासन के इस आरोप से इनकार किया है कि रूस की सरकार अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास कर रही थी।
अमेरिकी खुफिया एजेंसियां इस निष्कर्ष पर पहुंची हैं कि रूस का मकसद डोनाल्ड ट्रंप की जीत सुनिश्चित करना था। ट्रंप ने एजेंसियों के इस आकलन को हास्यास्पद करार दिया है। हवाई में छुट्टियां मना रहे ओबामा ने एक बयान में कहा कि सभी अमेरिकियों को रूस की कार्रवाइयों को लेकर सजग होना चाहिए। इस तरह की गतिविधियों के परिणाम होते हैं। ओबामा ने रूस की दो खुफिया सेवाओं जीआरयू और एफसबी के खिलाफ प्रतिबंध लगाया है। जीआरयू का सहयोग करने वाली कंपनियों को भी प्रतिबंधित किया गया है।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दामित्री पेस्कोव ने कहा कि अमेरिका निश्चित तौर पर रूस के साथ अपने संबंधों को समाप्त करना चाहता है जो पहले ही बहुत तनावपूर्ण हो चुके हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि रूस पारस्परिकता के सिद्धांत के आधार पर, पर्याप्त तरीके से इस पर प्रतिक्रिया देगा। रिया-नोवोस्ती समाचार एजेंसी के अनुसार, पेस्कोव ने कहा कि हम स्पष्ट रूप से निराधार दावों और आरोपों को खारिज करते हैं। (एजेंसी)