वाशिंगटन। आखिरकार वो वक्त आ ही गया जब क्यूबा और अमेरिका के बीच औपचारिक रूप से राजनयिक संबंध बहाल हो गए। एक दूसरे देशों की राजधानियों में दूतावासों को एक बार फिर खोल दिया गया है। शीत युद्ध के दौरान से दशकों से जारी दुश्मनी का दौर समाप्त कर अमेरिका और क्यूबा आज एक बार फिर साथ खड़े हैं।
दोनों पक्षों की दुश्मनी समाप्त करने और बराबरी के आधार पर साथ काम करने की सहमति के बाद दोनों राष्ट्रों के बीच ये ऐतिहासिक परिवर्तन आया है। राष्ट्रपति बराक ओबामा को ये शत्रुता विदेश नीति में विरासत में मिली थी।
साम्यवादी क्यूबा पर अलगाव और व्यापार प्रतिबंधों को लागू करने के बावजूद बदलाव लाने के प्रयास में विफल रहने पर वाशिंगटन ने यह निर्णय लिया है। वाशिंगटन ने महसूस किया कि हवाना को लोकतंत्र और समृद्धि की दिशा में सीधे आगे बढ़ाने के लिए उसके साथ सहयोग करना ज्यादा बेहतर है।
54 सालों के बाद खुले दूतावास
व्हाइट हाउस की पहल पर ऐसा संभव हो सका है। 1961 के बाद पहली बार, वाशिंगटन में हवाना के नए दूतावास में क्यूबा का झंडा लहराएगा, जो व्हाइट हाउस से कुछ ही दूरी पर स्थित है। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी औपचारिक रूप से अपने क्यूबा के समकक्ष ब्रूनो रोडिगेज के साथ मुलाकात करेंगे। दोनों के बीच दुश्मनी का दौर समाप्त करने की घोषणा 17 दिसंबर 2014 को हुई थी, जब ओबामा और उनके क्यूबा के समकक्ष राउल कास्त्रो ने दोनों देशों के बीच आपसी मनमुटाव भुलाकर आगे बढ़ने का फैसला किया था।