विदेश विभाग की उप प्रवक्ता मेरी हर्फ ने संवाददाताओं से कहा, हेलीकॉप्टरों और हथियारों की प्रस्तावित बिक्री से पाकिस्तान की सैन्य क्षमताएं बढेंगी जिससे पाकिस्तान में आतंकवाद विरोधी अभियानों में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, ये पाकिस्तान के भीतर आतंकवाद विरोधी अभियानों में इस्तेमाल के लिए हैं। विदेश विभाग ने 95 करोड़ 20 लाख डॉलर मूल्य के करार को मंजूरी दी है जिसके तहत पाकिस्तान को 15 एएच-। जेड लड़ाकू हेलीकॉप्टर, 1000 हेलफायर मिसाइलें और अन्य हथियारों की आपूर्ति की जाएगी।
मेरी से पूछा गया कि क्या अमेरिका को पूरा भरोसा है कि पाकिस्तान उसे दी जानी वाली मदद का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं बल्कि उसी मकसद के लिए करेगा जिसके लिए उसे यह मदद दी गई है। उन्होंने उत्तर दिया, हमारे पास इस बात पर नजर रखने के कई तरीके हैं कि हमने जो हथियार बेचे हैं, उनका इस्तेमाल किस काम में किया जा रहा है। हमें निसंदेह इस बात की काफी फिक्र है।
मेरी से पूछा गया, क्या आप पाकिस्तान पर भरोसा करती हैं? इस पर मेरी ने कहा, यह विश्वास की बात नहीं है। यह इस बारे में है कि हम यह देखने में सक्षम हैं कि हमारे हथियार कहां जाते है, उनका उपयोग कैसे हो रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को आंतरिक आतंकवाद से निपटने में मदद करना अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हित में है।