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ट्रंप के आदेश के बाद सीरिया पर मिसाइल हमला

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद शनिवार को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने सीरिया पर...
ट्रंप के आदेश के बाद सीरिया पर मिसाइल हमला

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद शनिवार को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने सीरिया पर हमले शुरू कर दिए। ट्रंप ने सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार द्वारा खुद के लोगों पर किए गए रासायनिक हमले को राक्षस का अपराध बताते हुए इसे बर्बर और क्रूर कहा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि संयुक्त कार्रवाई का मकसद रासायनिक हथियारों के उत्पादन, प्रसार और इस्तेमाल के खिलाफ  मजबूत प्रतिरोधक तंत्र स्थापित करना है। कनाडा और जर्मनी ने भी अमेरिका की इस कार्रवाई का समर्थन किया है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने भी कार्रवाई को सफल बताया है।

दमिश्क जोरदार धमाकों से दहला

सीरिया की राजधानी दमिश्क जोरदार धमाकों से दहल गया हैं। एपी के रिपोर्टर के अनुसार पूर्वी दमिश्क में काफी धुआं उठ रहा है और आसमान का रंग नारंगी हो गया है। दूर से ही आग की बड़ी लपटें दिखाई पड़ रही हैं। सीरियाइ टीवी के अनुसार वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र को भी निशाने पर लिया गया है। दक्षिण दमिश्क स्थित देश के रक्षा ठिकाने पर कई रॉकेट दागे गए हैं।

रूस का दावा, सौ से अधिक मिसाइलें दागी गईं

दूसरी ओर, रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि सीरिया पर सौ से अधिक मिलाइलें दागी गईँ। रिया नोवोस्टी न्यूज एजेंसी के अनुसार रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि सीरिया के समुद्री और वायु ठिकानों के अलावा नागरिकों को निशाने पर लेकर ये मिसाइलें छोड़ी गईं। इनमें से कई को सीरियाइ सेना ने गिरा दिया।

पेरिस में फ्रांस के विदेश मंत्री जीन ली ड्रेन ने दावा किया कि मिसाइल हमलों में सीरिया के रासायनिक हथियारों का बड़ा हिस्सा समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि फ्रांस के पास इस बात की पुख्ता जानकारी है कि डौमा शहर में पिछले सप्ताह हुए रासायनिक हमले में सीरियाइ राष्ट्रपति का ही हाथ था।

दूसरी ओर रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने सीरिया पर हमले का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि हमला प्रभुत्व जताने के लिए किया गया है और इससे सीरिया के लोगों के समक्ष बड़ी मानवीय परेशानी पैदा होगी। उन्होंने हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि हमले का अंतरराष्ट्रीय संबंधों की पूरी प्रणाली पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा।

संरा महासचिव की अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वे वैसे कार्यों से बचें जो सीरिया में संकट को बढ़ा सकते हैं। इससे यहां के लोगों की परेशानी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद की यह प्राथमिक जिम्मेदारी है कि अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनी रहे। मैं सुरक्षा परिषद के सदस्यों से एकजुट होने और अपनी जिम्मेदारी निभाने को कहूंगा।  

इसेस पहले ट्रंप ने कहा कि कहा कि अमेरिका, सीरिया पर तब तक दबाव बनाए रखेगा जब तक असद सरकार रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल बंद नहीं कर देती। उन्होंने सीरियाई सरकार के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने के लिए ब्रिटेन और फ्रांस का आभार जताया। ट्रंप ने कहा कि कुछ समय पहले मैंने अमेरिका की सशस्त्र सेनाओं को सीरियाई तानाशाह बशर अल असद की रासायनिक हथियार क्षमताओं से जुड़े ठिकानों पर सटीक हमले करने के आदेश दिए। फ्रांस और ब्रिटेन की सशस्त्र सेनाओं के साथ संयुक्त अभियान चल रहा है।

सीरिया के पूर्वी गोता के डौमा में हाल में कथित रूप से सीरिया द्वारा रसायनिक हथियारों के इस्तेमाल को लेकर अमेरिका ने पहले ही असद सरकार को चेतावनी दी थी। इस हमले में बच्चों सहित 75 लोग मारे गए थे।

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