अमेरिकी अधिकारियों ने इस खबर की जानकारी देते हुए बताया कि सीरिया में विद्रोहियों के कब्ज़े वाले इलाकों में रासायनिक हमले के बाद अमेरिका ने यह गंभीर कदम उठाया है और अब तक सीरिया के एयरबेस पर 60 टॉमहॉक मिसाइलें (क्रूज मिसाइल) छोड़ चुका है।
अमेरिका ने इस दौरान सीरिया के बड़े सैन्य हवाई अड्डों और रनवे को निशाना बनाया गया है. इसके अलावा फ्यूल डिपो को भी नष्ट कर दिया है। राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप की यह पहली बड़ी सैन्य कार्रवाई है। यह पहली बार है जब व्हाइट हाउस ने सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद के करीबी सैन्य ठिकानों पर इस तरह की बड़ी कार्रवाई की है। इस हमले के बाद देश की जनता को संबोधित करते हुए ट्रंप ने इसकी जानकारी दी।
सीरिया के विपक्षी राष्ट्रीय गठबंधन ने सीरियाई सैन्य अड्डों पर आज किए गए अमेरिकी हमले की सराहना करते हुए अमेरिका से राष्ट्रपति बशर अल-असद की सैन्य क्षमताओं के खिलाफ आगे और कदम उठाने की अपील भी की।
प्रवक्ता अहमद रमजान ने कहा, गठबंधन हमले का स्वागत करता है और वॉशिंगटन से असद की हवाई हमले करने की क्षमता को बेअसर करने की अपील करता है। उन्होंने कहा, हमे उम्मीद है कि और हमले किए जाएंगे... यह तो महज शुरूआत है।
गौरतलब है कि सीरिया में रासायनिक हमले के बाद अमेरिका ने यह कदम उठाया है। सीरिया में हुए हमले में 30 बच्चे और 20 महिलाओं समेत 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 400 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
संयुक्त राष्ट्र की बैठक में सीरिया के खिलाफ कार्रवाई करने की सहमति नहीं बनने के बाद अमेरिका ने स्पष्ट कह दिया था कि अगर यूएन अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं करता है, तो वह खुद ही सीरियाई सरकार के खिलाफ कार्रवाई करेगा।
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के आदेशों पर, अमेरिकी युद्धपोतों ने सीरिया की सरकार के एयरबेस पर 60 टोमाहॉक क्रूज मिसाइलें दागीं। यह वही एयरबेस है, जहां रासायनिक हमला करने वाले युद्धक विमान खड़े थे।
मार-ए-लागो रिजॉर्ट में ट्रंप ने कहा कि उन्होंने उस सीरियाई एयरबेस को निशाना बनाकर हमला करने के आदेश दिए थे, जहां से रासायनिक हमला बोला गया था। टंप ने इसी आवास में चीनी राष्टपति शी चिनफिंग से मुलाकात की।
मासूम नागरिकों पर किए गए रासायनिक हमले को भयावह बताते हुए ट्रंप ने कहा कि राष्ट्रपति बशर अल-असद ने असहाय पुरूषों, महिलाओं और बच्चों की जान ली है। उन्होंने कहा, कई लोगों के लिए यह धीमी और क्रूर मौत है। इस बर्बर हमले में प्यारे बच्चे भी निर्ममता से मारे गए। ईश्वर के किसी भी बच्चे को ऐसी भयावह स्थिति न झेलनी पड़े।
ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा, राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में यह बहुत महत्वपूर्ण है कि अमेरिका घातक रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल को रोके।
ट्रंप ने कहा, इस बात में कोई संशय नहीं है कि सीरिया ने प्रतिबंधित रासायनिक हथियार का प्रयोग करके रासायनिक हथियार समझौते के तहत अपने दायित्वों का उल्लंघन किया और सुरक्षा परिषद की अपीलों को नजरअंदाज किया। उन्होंने कहा, असद के व्यवहार को बदलने के लिए वर्षों से किए जा रहे प्रयास नाटकीय ढंग से विफल हुए हैं। इसके कारण शरणार्थी संकट गहराता रहा है और क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ती रही है, जिससे अमेरिका एवं उसके सहयोगियों पर खतरा पैदा होता रहा है। मैं सभी सभ्य देशों से अपील करता हूं कि वे सीरिया में इस मारकाट और रक्तपात को खत्म करने और हर किस्म के आतंकवाद को खत्म करने के लिए हमारे साथ आएं।
ट्रंप ने कहा, बेहद अशांत विश्व की इस चुनौती के दौरान हम ईश्वर से सद्बुद्धि देने की प्रार्थना करते हैं। हम घायलों के जीवन और मृतकों की आत्मा के लिए प्रार्थना करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि जब तक अमेरिका न्याय, शांति और सद्भाव के साथ खड़ा है, अंत में यह संभव होगा। उन्होंने कहा, ईश्वर अमेरिका और पूरे विश्व पर कृपा करें।
वहीं, पेंटागन के प्रेस सचिव कैप्टन जेफ डेविस ने कहा कि रूसी बलों को पहले ही हमले के बारे में सूचित कर दिया गया था। उन्होंने कहा, अमेरिकी सैन्य रणनीतिकारों ने एयरफील्ड में मौजूद रूसी या सीरियाई कर्मियों को पहुंच सकने वाले नुकसान को कम से कम करने के लिए ऐहतियात बरती।
डेविस ने कहा कि होम्स गवर्नरेट स्थित शाएरात एयरफील्ड को निशाना बनाकर किया गया मिसाइल हमला असद के घृणित कृत्य का उचित जवाब था। शाएरात एयरफील्ड का इस्तेमाल रासायनिक हथियारों और सीरियाई वायुसैन्य बलों को रखने के लिए इस्तेमाल में लाया जा रहा था। अमेरिकी खुफिया समुदाय का आकलन है कि शाएरात से निकले विमान ने चार अप्रैल को रासायनिक हथियारों से हमला बोला।
उन्होंने कहा कि अमेरिका की ओर से किया गया हमला असद के शासन को रासायनिक हथियारों का दोबारा इस्तेमाल करने देने से रोकने के लिए था। भाषा