वित्त मंत्रालय का यह हालिया फैसला उन लगभग छह मामलों में से एक है, जिनमें ट्रंप या उनका प्रशासन चुनावी वादों से पीछा हटता दिखा है।
चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने नाटो को अप्रासंगिक कहा था लेकिन इस सप्ताह उन्होंने कहा कि अब नाटो अप्रासंगिक नहीं है। रूस और सीरियाई राष्ट्रपति बशर-अल असद के मुद्दे पर भी ट्रंप का रूख पूरी तरह उलट चुका है।
शुक्रवार को वित्त मंत्रालय ने कांग्रेस को सौंपी अपनी छमाही रिपोर्ट में कहा कि उसने निगरानी सूची में चीन, जर्मनी, जापान, कोरिया, स्विट्जरलैंड और ताइवान का नाम डाला है। ये वे देश हैं, जिनपर उनके मुद्रा संबंधी क्रियाकलापों के लिए करीबी नजर रखी जानी चाहिए।
चीन को मुद्रा में फेरबदल करने वाला देश घोषित न करने के इस आधिकारिक कदम की उम्मीद की ही जा रही थी क्योंकि इस सप्ताह की शुरूआत में ट्रंप ने ऐसा कहा था।
मंत्रालय ने कहा कि चीन और जर्मनी दोनों को ही अमेरिका को किए जाने वाले अतिरिक्त निर्यात की मात्रा को कम करने के लिए अधिक प्रयास करने चाहिए।
भाषा