22 नवंबर 1963 को अमेरिका के सबसे युवा राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। शीतयुद्ध के चरम दौर में हुई इस हत्या ने पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया था। आज तक इस हत्या की गुत्थी सुलझी नहीं है। हत्या से संबंधित 680 रिकॉर्ड शुक्रवार को अमेरिका के नेशनल आर्काइव्स ने जारी किए। इनमें से 553 कभी ना देखी गई फाइलें हैं। सीआइए ने पहले राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर इनको जारी करने पर आपत्ति जताई थी। हालांकि इन फाइलों में ऐसा कुछ भी नहीं है जो हत्या पर गहराई से प्रकाश डालता हो।
वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक केनेडी की हत्या से कुछ दिन पहले मरीन कोर्प के पूर्व शार्पशूटर ली हार्वे ऑस्वाल्ड द्वारा मेक्सिको स्थित सोवियत संघ और क्यूबा के दूतावास का दौरा करने से जुड़ी जानकारी इन फाइलों में है। पर कोई पुख्ता सुराग नहीं है जिससे यह प्रमाणित किया जा सके कि ऑस्वाल्ड सोवियत का एजेंट था। केनेडी की हत्या के कुछ देर बाद ऑस्वाल्ड को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसने हत्या के आरोपों से इंकार किया था। केनेडी की हत्या के दो दिन बाद एक बार मालिक ने गोली मारकर उसकी भी हत्या कर दी थी। पूर्व राष्ट्रपति की हत्या की जांच करने वाले आधिकारिक वारेन आयोग ने भी ऑस्वाल्ड को इस हत्या का कसूरवार माना था। ऑस्वाल्ड पर संदेह का सबसे बड़ा कारण 1959 में सोवियत संघ जाना और 1962 में अचानक अमेरिका लौटना है।
इस साल यह तीसरा मौका है जब नेशनल आर्काइव्स ने केनेडी की हत्या से जुड़े गोपनीय दस्तावेज सार्वजनिक किए हैं। इससे पहले 26 अक्टूबर को 2,891 दस्तावेज और 24 जुलाई को 3,810 रिकॉर्ड सार्वजनिक किए गए थे। नेशनल आर्काइव्स ने बताया है कि ताजा जारी दस्तावेजों में सीआइए रिकॉर्ड के अलावा न्याय विभाग, रक्षा विभाग और सदन की एक समिति के भी रिकॉर्ड हैं जिन्होंने हत्या की जांच की थी। हत्या से जुड़े अन्य दस्तावेज क्यों जारी नहीं किए जाएं, यह बताने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एफबीआइ और सीआइए को 26 अप्रैल 2018 तक का समय दिया है।