रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों ही दलों के प्रभावशाली सांसदों के बढ़ते विरोध के बावजूद अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कांग्रेस को अधिसूचित किया है कि वह पाकिस्तान सरकार को एफ-16 ब्लॉक 52 विमान, उपकरण, प्रशिक्षण और साजोसामान से जुड़ी संभावित विदेशी सैन्य बिक्री करने को मंजूरी दे रहा है। पेंटागन की शाखा रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने एक बयान में कहा कि इनकी अनुमानित कीमत 69.94 करोड़ डॉलर है। बयान में कहा गया कि यह प्रस्तावित बिक्री दक्षिण एशिया में एक रणनीतिक सहयोगी की सुरक्षा में सुधार में मदद करके अमेरिकी विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के लक्ष्यों में अपना योगदान देती है।
पेंटागन ने कहा कि इससे क्षेत्र में सामान्य सैन्य संतुलन प्रभावित नहीं होगा। प्रस्तावित बिक्री मौजूदा और भविष्य के सुरक्षा से जुड़े खतरों से निपटने में पाकिस्तान की क्षमता में सुधार लाती है। ये अतिरिक्त एफ-16 विमान हर मौसम में, दिन-रात अभियान चलाने में मदद करेंगे, आत्म-रक्षा क्षमता प्रदान करेंगे और उग्रवाद रोधी एवं आतंकवाद रोधी अभियान चलाने की पाकिस्तान की क्षमता को बढ़ाएंगे। पेंटागन की एजेंसी ने कहा, ‘इससे पाकिस्तान की वायु सेना के पास अभियान चलाने के लिए उपलब्ध विमानों की संख्या में वृद्धि होगी, मासिक प्रशिक्षण की जरूरतें पूरी होंगी और चालकों को ब्लॉक-52 के चालन के प्रशिक्षण में मदद मिलेगी। पाकिस्तान को इन अतिरिक्त विमानों को अपनी वायुसेना में शामिल करने में कोई मुश्किल नहीं आएगी।’
रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने कहा, ‘इस प्रस्तावित बिक्री का यह नोटिस कानून के तहत जरूरी है और इसका यह मतलब नहीं है कि बिक्री पूरी हो चुकी है।’ ओबामा प्रशासन की ओर से कांग्रेस को यह अधिसूचना सांसदों की ओर से बढ़ते विरोध के बीच आई है। इस सप्ताह की शुरूआत में, सीनेटर बॉब कोरकर ने विदेश मंत्री जॉन कैरी को पत्र लिखकर कहा था कि वह ऐसे किसी भी फैसले पर रोक लगाएंगे। अब यह प्रस्ताव कांग्रेस के पास जाएगा, जिसके पास इसपर कार्रवाई करने के लिए 30 दिन होंगे। किसी आपत्ति की स्थिति में, यह प्रक्रिया लंबी और जटिल हो जाएगी क्योंकि प्रस्तावित बिक्री पर कांग्रेस में बहस और मतदान होगा। सामान्य तौर पर ऐसी स्थिति नहीं बनती क्योंकि हथियारों के बड़े समझौतों के मामलों में कांग्रेस के नेता और प्रशासन आम सहमति तक पहुंचने के लिए मिलकर काम करते हैं।
सदन की विदेश मामलों की समिति के तहत आने वाली एशिया एवं प्रशांत उपसमिति के अध्यक्ष और कांग्रेस सदस्य मैट सैल्मन ने 10 फरवरी के पत्र में अमेरिकी राष्टपति बराक ओबामा को लिखा कि पाकिस्तानी सेना के कथित तौर पर आतंकी हिंसा में संलिप्त होने से जुड़े व्यापक आरोपों को देखते हुए...और भारत के साथ युद्ध की स्थिति पैदा होने पर पाकिस्तानी सेना द्वारा इन एफ-16 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल परमाणु हथियारों को ले जाने में किए जाने की आशंका के मद्देनजर... पाकिस्तान की आक्रामक सैन्य क्षमताओं को इतना बढ़ावा देना बहुत समस्या पैदा करने वाला है।
पहचान उजागर न करने की शर्त पर विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने अमेरिकी सरकार के फैसलों का बचाव किया है। अधिकारी ने कहा, हम पाकिस्तान को आठ एफ-16 लड़ाकू विमानों की प्रस्तावित बिक्री का पूरा समर्थन करते हैं। यह मंच पाकिस्तान के आतंकवाद रोधी और उग्रवादरोधी अभियानों में मदद करेगा और इसने अब तक इन अभियानों की सफलता में योगदान दिया है। अधिकारी ने कहा, ‘ये अभियान पाकिस्तानी क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवाद की शरणस्थली और अफगानिस्तान में उग्रवाद को बढ़ावा देने वाले आधार के तौर पर किए जाने की आतंकियों की क्षमता को कम करते हैं। ये अभियान पाकिस्तान और अमेरिका दोनों के राष्ट्र हित में हैं। इसके साथ-साथ यह पूरे क्षेत्र के हित में हैं।’
इन एफ-16 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किए जाने से जुड़ी भारत की शंकाओं के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा, मुभुो स्पष्ट तौर पर बता लेने दीजिए, किसी भी हथियार के हस्तांतरण से पहले हम क्षेत्रीय सुरक्षा और कुछ अन्य कारकों को ध्यान में रखते हैं। हमारा मानना है कि हमारी सुरक्षा मदद एक ज्यादा स्थायी और सुरक्षित क्षेत्र के लिए योगदान देती है।
विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, अमेरिका क्षेत्र में अपने सुरक्षा सहयोग को किसी के लाभ और किसी के नुकसान के आधार पर नहीं देखता। पाकिस्तान, भारत और अफगानिस्तान के साथ हमारे सुरक्षा संबंध अलग-अलग हैं लेकिन हर संबंध अमेरिकी हित और क्षेत्रीय स्थिरता को आगे बढ़ाता है। कांग्रेस के पास इस अधिसूचना पर काम करने के लिए 30 दिन हैं। प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने विश्वास जताया है कि इस बिक्री को सांसदों की मंजूरी मिल जाएगी।