अमेरिका ने कहा है कि वह सेना की नई शाखा ‘स्पेस फोर्स’ बनाने की योजना बना रहा है।
अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने पेंटागन में दिए गए अपने संबोधन में कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका सेना के अपने छठे अंग के रूप में स्पेस सेना का गठन करेगा। पेंस के अनुसार 2020 तक गठित होने वाली इस सेना में फोर-स्टार अधिकार होंगे।
इस सेना के गठन पर काम शुरू हो गया है और अगले बजट में इसके लिए प्रावधान किए जाएंगे।
अमेरिकी प्रशासन में इसे लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया आ रही है। विदेश सचिव जिन मैटिस अतीत में इस योजना के लिए विरोध जता चुके हैं। जिम मैटिस ने कांग्रेस को लिखा कि अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए ऐसा करना बहुत संकुचित और संकीर्ण दृष्टिकोण को प्रदर्शित करना होगा।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इससे संबंधित घोषणा इसी साल जून में की थी।
अंतरिक्ष सेना गठन करने वाला अमेरिका दुनिया का दूसरा देश होगा। इससे पहले रूस ने 1992 में अंतरिक्ष सेना का गठन किया था।
हालांकि, अमेरिका में स्पेस-सुरक्षा से जुड़े मामलों के लिए ‘एयर फोर्स स्पेस कमांड’ है लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की घोषणा के मुताबिक, यह कमांड सेना के अन्य अंगों से एकदम अलग होगी।
गौरतलब है कि अमेरिका और तत्कालीन सोवियत संघ और आज के रूस के बीच अंतरिक्ष में प्रतिस्पर्धा शीत युद्ध के समय से चल रही है। इस प्रतिस्पर्धा में एक तरफ जहां सोवियत संघ सबसे पहले अंतरिक्ष में इंसान भेजने वाला देश बना तो वहीं इसके जवाब में अमेरिका ने सबसे पहले चंद्रमा पर कदम रखा।
आने वाले समय में चीन भी इस दिशा में कदम बढ़ा सकता है।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    