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आतंकियों के दमन में भारत को देते रहेंगे सहयोग : अमेरिका

अमेरिका ने शुक्रवार को कहा कि वह आतंकवाद की उन शरणस्थलियों को खत्म करने के लिए क्षेत्र के अन्‍य देशों के साथ काम करना जारी रखेगा, जो भारत के समक्ष भी आतंकी खतरा पेश करती हैं लेकिन, वह कांग्रेस के उस विधेयक पर टिप्पणी करने से बचता रहा, जिसमें कहा गया है कि अमेरिका को पाकिस्तान को एक आतंकी देश घोषित कर देना चाहिए।
आतंकियों के दमन में भारत को देते रहेंगे सहयोग : अमेरिका

अमेरिका ने कश्मीर के मुद्दे समेत भारत और पाकिस्तान के बीच के विभिन्न मतभेदों को सुलझाने और मौजूदा तनाव को कम करने के लिए सार्थक वार्ता का भी आवहान किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाॅन किर्बी ने लेकिन ,कांग्रेस के उस विधेयक पर कोई टिप्पणी नहीं की, जो कहता है कि अमेरिका को पाकिस्तान को एक आतंकी देश घोषित करना चाहिए।

जब किर्बी से पूछा गया कि क्या सरकार कांग्रेस में एक विधेयक और एक आॅनलाइन याचिका का समर्थन करेगी, जो कहती है कि अमेरिका को पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करना चाहिए तो उन्होंने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, मैंने खासतौर पर एेसे किसी विधेयक के बारे में कुछ नहीं देखा है और निश्चित तौर पर हम एेसा:समर्थन: नहीं करते। इस संदर्भ में जो भी लंबित विधेयक आने वाला हो, मैं उसपर टिप्पणी नहीं करूंगा।

उन्होंने कहा, हम जो क्षेत्र में मौजूद साझा खतरे, साझी चुनौती की बात करते हैं, निश्चित तौर पर यह भारतीय लोगों के लिए भी खतरा है। हम कहेंगे कि हम पाकिस्तान, अफगानिस्तान के साथ काम जारी रखने वाले हैं। विदेश मंत्री हाल ही में ब्रसेल्स और अफगानिस्तान के सम्मेलन से लौटे हैं।

किर्बी ने कहा, इन साझा खतरों और चुनौतियों से निपटने के लिए हम लोग उस क्षेत्र की सरकारों के साथ काम करना जारी रखेंगे। हमने हमेशा कहा है कि :आतंकियों की: शरणस्थलियों को लेकर और भी बहुत कुछ किया जा सकता है और हम यही करने वाले हैं। हम एकबार फिर इस दिशा में अधिक से अधिक संभव सहयोग के लिए काम करने की कोशिश करने वाले हैं।

किर्बी ने कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर अमेरिका का रूख नहीं बदला है और यह रूख कहता है कि भारत और पाकिस्तान इस समस्या को निपटाएं। उन्होंने कहा, कश्मीर के मुद्दे पर, हमारा रूख नहीं बदला है। हम चाहते हैं कि कश्मीर के मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच काम हो। निश्चित तौर पर हम चाहते हैं कि मौजूदा तनाव कम हो और वार्ता हो। दोनों देशों के बीच के इन मुद्दों को सुलझाने के लिए अर्थपूर्ण द्विपक्षीय वार्ताएं हों।

उन्होंने कहा, उन दोनों :देशों: के बीच अब भी मतभेद हैं। जैसा कि मैंने पहले भी कहा है कि हम चाहते हैं कि वे इन मतभेदों पर काम करें। हमारे भी कई देशों के साथ मतभेद हैं और हम उन्हें सुलझाने की दिशा में काम करना जारी रखते हैं। उन्होंने कहा, हम यही कह रहे हैं, यही उम्मीद कर रहे हैं, भारत और पाकिस्तान के नेताओं से यही उम्मीद कर रहे हैं। लेकिन हम एक मिनट के लिए भी यह नहीं मानते कि ये देश अपने समक्ष चुनौतियों को या अपने बच्चों की जिंदगियों एवं सुरक्षा को गंभीरता से नहीं लेते। किर्बी ने यह भी कहा कि अमेरिका को पाकिस्तान की परमाणु सुरक्षा पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा, हमने पहले भी कहा है कि हम इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि पाकिस्तान के शस्त्राागारों का जरूरी सुरक्षा नियंत्राण उसके :पाकिस्तान के: हाथ में है। भाषा एजेंसी 

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