पिछले काफी दिनों से वीडियो ऐप टिक टॉक विवादों में है। अब इस ऐप के सीईओ केविन मेयर ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन दूसरी तरफ टिक टॉक को खरीदने की तैयारियां जोरों पर हैं। अमेरिका की दिग्गज आईटी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट पहले से टिक टॉक को खरीदने के लिए तैयार है, वहीं अब अमेरिका की ही दूसरी कंपनी वॉलमार्ट ने भी माइक्रोसॉफ्ट के साथ मिलकर इस ऐप को खरीदने का फैसला किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है, जिससे बचने के लिए इसकी मूल कंपनी बाइटडांस को 90 दिनों के भीतर अपना अमेरिकी परिचालन किसी अमेरिकी कंपनी को बेचना होगा। वॉलमार्ट ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि माइक्रोसॉफ्ट और टिकटॉक के साथ सौदा उसके विज्ञापन व्यवसाय को बढ़ाने और अधिक दुकानदारों तक पहुंचने में मदद कर सकता है।
इस सौदे से जुड़़े एक सूत्र ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि दुनिया के सबसे बड़े रिटेलर ने टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार को खरीदने के लिए माइक्रोसॉफ्ट के साथ एक संयुक्त बोली लगाई है। यह गठजोड़ थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन माइक्रोसॉफ्ट और वॉलमार्ट पहले ही व्यापार भागीदार हैं।
माइक्रोसॉफ्ट क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाएं प्रदान करता है, जो रिटेलर के स्टोर और ऑनलाइन शॉपिंग कारोबार को चलाने में मददगार है। दोनों कंपनियों ने 2018 में पांच साल के लिए साझेदारी की थी। वॉलमार्ट ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि माइक्रोसॉफ्ट और टिकटॉक के साथ सौदा उसके विज्ञापन व्यवसाय को बढ़ाने और अधिक दुकानदारों तक पहुंचने में मदद कर सकता है।
अमेरिका में टिकटॉक के 10 करोड़ यूजर्स हैं। माइक्रोसॉफ्ट के अलावा टिकटॉक के अमेरिकी परिचालन को खरीदने में अन्य टेक कंपनियां जैसे ओरेकल ने भी रुचि दिखाई है। हालांकि बाइटडांस ने अभी तक इस संबंध में कोई खुलासा नहीं किया है। वॉल स्ट्रीट जनरल ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि बाइटडांस टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार के लिए 30 अरब डॉलर तक की राशि की मांग कर सकती है।