सरकारी मीडिया में आई खबरों के अनुसार, सत्ताधारी पार्टी के केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) को संबोधित करते हुए किम ने कहा कि सेना को शत्रु द्वारा भड़काए गए किसी भी तरह के युद्ध पर अपना जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार रहना है। सीएमसी की बैठक से पहले किम की निगरानी में उत्तर कोरिया का सैन्य अभ्यास हुआ था जिसमें दक्षिण कोरिया के एक द्वीप पर हमले की परिकल्पना की गई थी। इस अभ्यास में जिन तोपखाना का इस्तेमाल किया गया।
गौरतलब है कि वर्ष 2010 में इसी तोपखाने ने दक्षिणी यिओनपेयोंग द्वीप पर गोलाबारी की थी और इसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। तब उत्तर और दक्षिण कोरिया में बड़े स्तर के संघर्ष की आशंका पैदा हो गई थी। आधिकारिक समाचार एजेंसी केसीएनए ने ज्यादा विस्तृत जानकारी दिए बिना कहा कि कोरियन पीपुल्स आर्मी को अपने सभी प्रयासों को सैन्य मुस्तैदी पर केंद्रित करने की जरूरत पर जोर देते हुए किम ने केपीए की कार्यप्रणाली को सरल बनाने और पुनर्गठित करने की जरूरत पर बात की। गौरतलब है कि उत्तर कोरिया ने तीन परमाणु परीक्षण किए हैं और हाल ही में उसने चौथे परीक्षण की धमकी दी है। उत्तर कोरिया की ओर से यह धमकी ऐसे समय में आई है, जब इसके मानवाधिकारों के रिकार्ड को लेकर प्योंगयांग पर नए अमेरिकी प्रतिबंधों और उसे अपराधी ठहराने के संयुक्त राष्ट्र के कदमों को लेकर तनाव व्याप्त है। यह तनाव अगले माह उस समय बढ़ सकता है, जब अमेरिका और दक्षिण कोरिया अपने वार्षिक सैन्य अभ्यास को अंजाम देंगे।