भारत सहित कई एशियाई देशों में कोरोना महामारी का कहर फिर से दस्तक दे रहा है। थाइलैंड, मलेशिया, टोक्यो, चीन जैसे देशों में कोरोना मामले बढ़ने शुरू हो गए हैं। इनके अलावा सिडनी में भी कोरोना केस बढ़ते जा रहे हैं जिसके कारण अगस्त तक यहां सख्त पाबंदियां लगा दी गई हैं। वहीं कहीं आलम ऐसा है कि शवों को रखने के लिए मर्चुरी में जगह नहीं होने के चलते कंटेनर में शवों को रखा जा रहै है।
टोक्यो में कोरोना पर चिंता व्यक्त करते हुए ओलंपिक आयोजकों ने शनिवार को कहा है कि उन्होंने खेल में शामिल होने आए दर्शकों को दूसरी जगहों पर घूमने-फिरने से रोका जा रहा है। मलेशिया में भी कोरोना का विस्फोट हुआ है। शनिवार को यहां कोरोना वायरस के 17 हजार 786 नए मामले रिकॉर्ड किए गए हैं।
थाइलैंड में भी माहौल कुछ ऐसा ही है। शनिवार को यहां कोविड-19 के 18 हजार 912 नए केस दर्ज किए गए और 178 लोगों ने जान गंवा दी। जो अपने आप में रिकॉर्ड है। थाइलैंड की सरकार का कहना है कि उनके देश में कोरोना के 60 प्रतिशत केस डेल्टा वैरिएंट के हैं। बात की जाए बैंकॉक की तो 80 प्रतिशत मामले डेल्टा के ही सामने आए हैं।
चैनल न्यूज एशिया की खबर के अनुसार थाइलैंड में कोरोना से हो रही मौतें अचानक बढ़ने के बाद यहां अस्पतालों में शवों को कंटेनरों में रखाना शुरू कर दिया है। मौतों का आंकड़ा इतना ज्यादा है कि मुर्दाघर में शवों को रखने के लिए जगह नहीं है। अस्पताल के एक स्टॉफ ने बताया कि 20 प्रतिशत शव ऐसे हैं जिन्हें मरने के बाद कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं। इससे पहले साल 2004 की सुनामी में अस्पतालों में इस तरह कंटेनरों में शवों को रखा गया था।
चीन के निनजियांग प्रांत में कोविड-19 के डेल्टा वैरिएंट के कई नए मामले सामने आ रहे हैं। बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए वियतनाम ने भी ऐलान किया है कि सोमवार से अपने विजनेस हब हो ची मिन्ह सिटी समेत 18 अन्य शहरों और प्रांतो में अगले 2 सप्ताह के लिए पाबंदियां लागू करनी पड़ रही हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस ऐडेनोम ग्रीबीसीस ने कहा था कि बीते चार हफ्तों में दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामले 80 प्रतिशत तक बढ़े हैं। वहीं दुनिया में कोविड के मामले बढ़ाने के पीछे डेल्टा वैरिएंट को लेकर अमेरिका के सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल ने इस सप्ताह कहा था कि कोरोना का डेल्ट वैरिएंट चिकनपॉक्स की तरह संक्रामक हैं।