सरकार इसके लिए मौजूदा संसदीय सत्र के दौरान एक विधेयक पेश करेगी जिसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना होगा कि कर्मचारियों को आवश्यक आराम मिल सके। यह सुनिश्चित करना नियोक्ता की जिम्मेदारी होगी कि कर्मचारी छुट्टी लें।
जापान कई वर्षों से इस प्रकार के कानून का अध्ययन कर रहा है। देश में इस बात पर सर्वसम्मति बनी है कि जापान की अत्यधिक काम करने की नीति का असर स्वास्थ्य, सामाजिकता एवं उत्पादकता पर पड़ रहा है।
दरअसल समस्या यह भी है कि देश में कई ऐसे लोग हैं जिन्हें छुट्टी लेने पर सहकर्मियों की नाराजगी का भय होता है। जापान में केवल काम के प्रति ढुलमुल रवैया रखने वाले लोग ही अपनी सभी छुट्टियां लेते हैं।
जापानियों की काम संबंधी इस जीवनशैली और इसके कारण बच्चों के पालन पोषण के प्रति माता पिता की अरूचि को जापान की गिरती जन्मदर का कारण माना जाता है जिससे विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कमजोर हो रही है।