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लाहौर में सांस लेना हुआ जानलेवा! पाकिस्तान ने वायु प्रदूषण का आरोप भारत पर लगाया

प्रदूषण की भयानक मार सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश पाकिस्तान भी झेल रहा है। समाचार पत्र डॉन के...
लाहौर में सांस लेना हुआ जानलेवा! पाकिस्तान ने वायु प्रदूषण का आरोप भारत पर लगाया

प्रदूषण की भयानक मार सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश पाकिस्तान भी झेल रहा है। समाचार पत्र डॉन के मुताबिक पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में भी हवा की गुणवत्ता बीते शुक्रवार को मॉडरेट मापी गयी। हालांकि ऐसा थोड़ी बारिश के बाद हुआ। यहीं नहीं पाक-ईपीए की रिपोर्ट की माने तो पाकिस्तान में अभी भी हवा अनुमति सेफ की सीमा से नीचे है। लगभग पूरा पूर्वी पाकिस्तान जहरीली हवा से जूझ रहा है। अलजजीरा ने अपनी एक रिपोर्ट में छापा है कि भारत से सटे लाहौर में इस साल काफी लोगों ने एलर्जी और सांस से सम्बंधित बीमारियों की शिकायत कर रहे हैं।

अगर अंतरराष्ट्रीय वायु गुणवत्ता निगरानी सेवा एयरविज़ुअल की माने तो, इस बार सप्ताह में लगातार तीन दिनों तक इसे दुनिया की सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाले शहर के रूप में स्थान दिया गया है। यही नहीं लाहौर का AQI इस सप्ताह 450 तक पहुंच गया, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुशंसित अधिकतम औसत दैनिक जोखिम से 30 गुना अधिक है और इसे खतरनाक माना जाता है। इससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि पाकिस्तान किस कदर प्रकृति की इस मार को झेल रहा है।

हवा के खतरनाक पर पहुंच जाने के बाद पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने शुक्रवार को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा कर दी। प्रांत में चार दिन की छुट्टी कर दी गई। जिसमें मौजूदा गुरुवार की छुट्टी भी शामिल थी सार्वजनिक स्थान, रेस्तरां और बाज़ार सभी बंद कर दिए गए, और सरकार ने पर्यावरण की स्थिति में सुधार के लिए लॉकडाउन की घोषणा भी कर दी जिससे लोगों को घर के अंदर रहने को मजबूर होना पड़ा। पंजाब के अंतरिम स्वास्थ्य मंत्री डॉ. जावेद अकरम ने कहा कि अतिरिक्त छुट्टी शहर में यातायात को कम करने के लिए छुट्टी थी, जिससे प्रदूषण को कम करने में मदद मिल सकती है। साथ ही साथ उन्होंने इसके लिए उन्होंने पाकिस्तान और भारत के किसानों को दोषी ठहराया जो गेहूं की फसल के लिए जगह खाली करने के लिए चावल की कटाई के बाद पराली जला रहे हैं। उन्होंने अल जजीरा को बताया, "पराली जलाना एक प्रमुख चुनौती बनी हुई है, जिसका अधिकांश हिस्सा भारत में होता है और हम इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं कर सकते।"

हमेशा की तरह पाकिस्तान ने इसका भी दोष भारत पर मढ़ दिया पंजाब सरकार की पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के उप निदेशक मोहम्मद फारूक आलम ने कहा कि भारत में पाकिस्तानी किसानों द्वारा जलायी जाने वाली पराली की तुलना में कम से कम पांच गुना अधिक पराली जलाई जाती है। जब हवा की दिशा हमारी तरफ होती है, तो उसे नियंत्रित करने के लिए हम कुछ नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि प्रांतीय सरकार ने जहां संभव हो सके कदम उठाए हैं, जैसे स्थानीय किसानों पर जुर्माना लगाना और कृषि अपशिष्ट से छुटकारा पाने के अन्य तरीकों की जांच करना।

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