अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापार युद्ध के बीच चीन ने कई महत्वपूर्ण दुर्लभ पृथ्वी तत्वों, धातुओं और मैग्नेट के निर्यात को निलंबित कर दिया है, जिससे पश्चिमी देशों में रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन, एयरोस्पेस और उपभोक्ता उत्पाद उद्योगों के लिए आवश्यक प्रमुख घटकों की आपूर्ति बाधित हो सकती है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी सरकार वर्तमान में निर्यात पर एक नई नियामक प्रणाली का मसौदा तैयार कर रही है। जब तक यह नीति पूरी तरह से लागू नहीं होती, तब तक कारों से लेकर मिसाइलों तक में इस्तेमाल होने वाले जरूरी मैग्नेट का निर्यात चीनी बंदरगाहों पर रोक दिया गया है। एक बार नई प्रणाली सक्रिय हो गई, तो इसका असर अमेरिकी रक्षा ठेकेदारों सहित कई कंपनियों की आपूर्ति पर स्थायी रूप से पड़ सकता है।
चीन की यह आधिकारिक कार्रवाई अमेरिका के खिलाफ प्रतिशोध का हिस्सा है, जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा शुरू किए गए व्यापार युद्ध के जवाब में की गई है। चीन वैश्विक दुर्लभ पृथ्वी उत्पादन का लगभग 90 प्रतिशत करता है। इन तत्वों में समैरियम, गैडोलीनियम, टेरबियम, डिस्प्रोसियम, ल्यूटेटियम, स्कैंडियम और येट्रियम शामिल हैं, जिनका उपयोग रक्षा, इलेक्ट्रिक वाहन, ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में होता है।
2 अप्रैल को बीजिंग ने दुर्लभ पृथ्वी तत्वों पर निर्यात प्रतिबंध लागू किए। यह निर्णय अमेरिका द्वारा चीनी उत्पादों पर टैरिफ 54 प्रतिशत तक बढ़ाने के जवाब में लिया गया। जिसमें खनिजों के साथ-साथ स्थायी मैग्नेट और अन्य तैयार उत्पादों को भी शामिल किया गया है जिनका विकल्प खोजना काफी मुश्किल है।
इस कदम ने दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं – के बीच व्यापारिक तनाव को और बढ़ा दिया है। अब अमेरिकी निर्माता वैकल्पिक आपूर्तिकर्ता खोजने की होड़ में हैं, क्योंकि इन खनिजों पर वे दशकों से निर्भर रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, अब इन महत्वपूर्ण धातुओं और उनके उत्पादों को सिर्फ विशेष निर्यात लाइसेंस के साथ ही चीन से बाहर भेजा जा सकता है। लेकिन बीजिंग की लाइसेंस जारी करने की प्रणाली अभी पूरी तरह से विकसित नहीं हुई है, जिससे उद्योगों में घबराहट फैल गई है कि यह प्रक्रिया लंबी हो सकती है और इससे वैश्विक आपूर्ति शृंखला पर असर पड़ेगा।
यह फैसला केवल अमेरिका ही नहीं, बल्कि सभी देशों को प्रभावित कर रहा है, और यह स्पष्ट करता है कि चीन अब वैश्विक खनिज आपूर्ति और प्रोसेसिंग में अपनी स्थिति को रणनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।
हालांकि यह निर्यात नियंत्रण पूर्ण प्रतिबंध नहीं है, फिर भी बीजिंग लाइसेंस जारी करने की संख्या सीमित करके आपूर्ति पर नियंत्रण रख सकता है। लॉकहीड मार्टिन, टेस्ला और एप्पल जैसी बड़ी अमेरिकी कंपनियां अपने उत्पादों के निर्माण में चीनी रेयर अर्थ पर निर्भर हैं।
अमेरिका के पास इन दुर्लभ पृथ्वी धातुओं का कुछ भंडार मौजूद है, लेकिन यह रक्षा ठेकेदारों की दीर्घकालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त है। इसके अलावा, बीजिंग ने पहले ही अमेरिका को तीन महत्वपूर्ण धातुओं के निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है और कई अन्य पर निर्यात नियंत्रण लगाए हैं।
कंसल्टेंसी फर्म प्रोजेक्ट ब्लू से जुड़े डेविड मेरिमन ने कहा कि चीन का भारी दुर्लभ पृथ्वी तत्वों पर सख्त नियंत्रण है। उन्होंने बताया कि चीन के अलावा केवल म्यांमार और लाओस में ही ऐसे खनन संचालन हैं, जिनसे इन तत्वों की आपूर्ति होती है और चीन की इन आपूर्ति शृंखलाओं में भी घनिष्ठ भागीदारी है।
निर्यात निलंबन के अंतर्गत आने वाली ये भारी दुर्लभ पृथ्वी धातुएं विशेष मैग्नेट के निर्माण में इस्तेमाल होती हैं, जो इलेक्ट्रिक वाहनों, ड्रोन, रोबोट, मिसाइलों, अंतरिक्ष यानों और गैसोलीन कारों में प्रयुक्त इलेक्ट्रिक मोटरों के लिए जरूरी हैं।
कैपेसिटर्स के निर्माण में भी इस्तेमाल होती हैं – ये ऐसे घटक हैं जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता सर्वर और स्मार्टफोन जैसे डिवाइसेज को ऊर्जा प्रदान करते हैं।