पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने 13 अगस्त 2025 को भारत को चेतावनी दी है कि यदि उसने सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) के तहत पाकिस्तान को मिलने वाले जल प्रवाह को रोकने की कोशिश की, तो पाकिस्तान इसका निर्णायक जवाब देगा। शरीफ ने कहा, "हमारे पानी की एक भी बूंद को कोई नहीं छीन सकता।" यह बयान पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो द्वारा की गई धमकियों के बाद आया है।
मुनीर ने अमेरिका में कहा था कि पाकिस्तान को अपने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने का अधिकार है, जबकि भुट्टो ने भारत की किसी भी जल आपूर्ति को रोकने को "सभ्यता पर हमला" बताया था। भारत ने अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था, जिसमें पाकिस्तान आधारित आतंकवादी समूहों का हाथ होने का आरोप था। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत से संधि को फिर से लागू करने की अपील की थी, जिसे भारत ने अस्वीकार कर दिया है।
सिंधु जल संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता से हुई थी, जिसके तहत पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चेनाब नदियों का जल उपयोग करने का अधिकार मिला, जबकि भारत को रावी, ब्यास और सतलुज नदियों का जल उपयोग करने का अधिकार है। भारत ने संधि के तहत पाकिस्तान को मिलने वाले जल प्रवाह को रोकने की कोशिश की थी, जिसके बाद पाकिस्तान ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। इस स्थिति में दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने की संभावना है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से विवादों का समाधान निकालने की अपील की है।