अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार, 24 जून 2025 को कहा कि वह ईरान में शासन परिवर्तन (रेजिम चेंज) नहीं चाहते, क्योंकि इससे "अराजकता" फैल सकती है। यह बयान इजरायल और ईरान के बीच 12 दिन के युद्ध के बाद घोषित सीजफायर के कुछ घंटों बाद आया, जिसे ट्रंप ने मध्यस्थता करके लागू करवाया था। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, "मैं नहीं चाहता कि ईरान में शासन परिवर्तन हो। यह अराजकता लाएगा।" उन्होंने यह भी दावा किया कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम "कभी पुनर्निर्माण नहीं होगा।"
हालांकि, सीजफायर लागू होने के तुरंत बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर उल्लंघन का आरोप लगाया। इजरायल ने दावा किया कि ईरान ने बीरशेबा में मिसाइलें दागीं, जिसमें चार लोग मारे गए, जबकि ईरान ने इन आरोपों को खारिज कर इजरायली हमलों की बात कही। ट्रंप ने दोनों देशों पर नाराजगी जताते हुए कहा, "वे इतने लंबे समय से लड़ रहे हैं कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वे क्या कर रहे हैं।"
ट्रंप ने यह भी कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उन्हें फोन कर ईरान के साथ मदद की पेशकश की थी। उन्होंने इजरायल से हमले रोकने और अपने पायलटों को वापस बुलाने की अपील की, जिसके बाद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने तेहरान पर बड़े हमले टाल दिए।
इस युद्ध में 400 ईरानी और 24 इजरायली मारे गए। तेल की कीमतें 7% गिरकर $68.76 प्रति बैरल पर पहुंच गईं। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने कहा कि इजरायल के हमले बंद होने तक कोई समझौता नहीं होगा।[](