अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ट्विटर पर वापसी और भी ज्यादा मुश्किल हो गई है। सैन फ्रांसिस्को की अदालत ने उनके उस मुकदमे को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग की थी।
अमेरिकी जिला न्यायाधीश जेम्स डोनाटो ने शुक्रवार को कहा कि ट्रम्प यह दिखाने में विफल रहे कि ट्विटर ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उनके पहले संशोधन के अधिकार का उल्लंघन किया है।
न्यायाधीश ने अपने नोट में लिखा कि फ्री स्पीच राइट्स निजी कंपनियों पर लागू नहीं होते हैं और ट्रम्प यह दिखाने में विफल रहे कि ट्विटर डेमोक्रेट्स की ओर से एक राज्य अभिनेता के रूप में काम कर रहा है।
न्यायाधीश जेम्स डोनाटो ने मुकदमे को खारिज करते हुए कहा कि ट्विटर अपनी शर्तों में किसी भी अकांउट के उपयुक्त रूप में कार्य करने की अनुमति देता है। बता दें कि ट्रम्प ने जुलाई 2021 में ट्विटर, फेसबुक और गूगल के यूट्यूब पर मुकदमा दायर किया और दावा किया कि उन्होंने उन्हें अवैध रूप से सेंसर किया है।
ट्रंप द्वारा दायर मुकदमे में ट्विटर और उसके पूर्व प्रमुख जैक डोर्सी को प्रतिवादी के रूप में नामित किया गया था, जिसमें उनसे नकद हर्जाने के साथ-साथ निलंबित खातों को तुरंत बहाल करने का आदेश दिए जाने की मांग की गई थी।
गौरतबल है कि इन प्लेटफार्मों ने 6 जनवरी, 2021 की हिंसा के बाद ट्रम्प को निलंबित कर दिया था। इस दिन ट्रंप के समर्थकों ने जो बिडेन की राष्ट्रपति चुनाव की जीत को प्रमाणित करने से रोकने के प्रयास में कैपिटल बिल्डिंग पर हिंसक रूप से धावा बोल दिया था।