म्यांमार में रविवार सुबह एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र म्यांमार के मीकटिला क्षेत्र में था, जहां रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 5.5 मापी गई। हालांकि, इस भूकंप से अभी तक किसी बड़े नुकसान या जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।
मीकटाला म्यांमार का एक महत्वपूर्ण शहर है। यह इलाका भौगोलिक दृष्टि से भूकंप के प्रति संवेदनशील जोन में आता है, जहां समय-समय पर भूकंपीय गतिविधियां देखी जाती हैं।
इससे पहले 28 मार्च को म्यांमार में भूकंप के तेज़ झटके महसूस किए गए थे, 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था। उस दौरान भी लोगों में काफ़ी डर था, क्योंकि भूकंप की तीव्रता और गहराई का असर आस-पास के इलाकों पर पड़ा था। विशेषज्ञों का कहना है कि म्यांमार हिमालय बेल्ट और अन्य टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन पर स्थित है, जिसके कारण यह क्षेत्र भूकंप के लिए अत्यधिक संवेदनशील है।
रविवार को आए भूकंप की गहराई और अन्य तकनीकी विवरणों का अभी भी विश्लेषण किया जा रहा है, ताकि इसके प्रभावों का सटीक आकलन किया जा सके।
स्थानीय प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। भूकंप के बाद बचाव और राहत दल किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। म्यांमार में भूकंप का इतिहास रहा है और पिछले कुछ सालों में कई बार छोटे-बड़े झटके महसूस किए गए हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसी गतिविधियां टेक्टोनिक प्लेटों के टकराव का नतीजा हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने दी चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र ने पिछले सप्ताह चेतावनी दी थी कि 28 मार्च को आए भूकंप से होने वाली क्षति म्यांमार में मौजूदा मानवीय संकट को और भी बदतर बना देगी, जहाँ गृहयुद्ध के कारण पहले ही 30 लाख से ज़्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि भूकंप ने कृषि उत्पादन को बुरी तरह से बाधित कर दिया है और स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति पैदा कर दी है।