ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने बृहस्पतिवार को कहा था कि तुर्की तट पर तीन वर्षीय सीरियाई बच्चे आयलान कुर्दी के शव की तस्वीरों ने उन्हें गहरा आघात पहुंचाया।संडे टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, कैमरन अब ब्रिटेन के असहाय लोगों के पुनर्वास कार्यक्रम को विस्तार देते हुए 15,000 शरणार्थियों को देश में स्वीकार करने और मानव तस्करी करने वालों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू करने पर विचार कर रहे हैं। खबर के अनुसार, सीरिया में हवाई हमलों के समर्थन में अगले महीने होने वाले मतदान में वह विपक्षी लेबर पार्टी के सांसदों पर भी विश्वास जमाना चाहते हैं। अखबार ने इससे पहले कहा था कि सीरियाई सीमा पर संयुक्त राष्ट्र शिविरों से शरणार्थियों को सीधे तौर पर मंजूरी देने का भी विकल्प मौजूद है।
गौरतलब है कि वर्ष 2011 में सीरिया में जंग शुरू होने के बाद फ्रांस, जर्मनी और स्वीडन की तुलना में ब्रिटेन ने बीते वर्ष में विशेष सरकारी योजना के तहत 216 सीरियाई शरणार्थियों को मान्यता और करीब 5,000 शरणार्थियों को शरण दी थी। इससे पहले आॅस्ट्रिया के चांसलर वर्नेर फेमन ने कहा था कि आॅस्ट्रिया और जर्मनी हंगरी की सीमा पर पहुंचने वाले हजारों प्रवासियों को शरण देने के लिए तैयार हो गए हैं। फेमन ने आॅस्ट्रिया की समाचार एजेंसी एपीए से कहा कि उन्होंने जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल के साथ विचार-विमर्श कर हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबन को फैसले से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि वह हंगरी की सीमा पर पैदा आपात स्थिति के कारण एेसा करने के लिए प्रेरित हुए। उल्लेखनीय है कि हंगरी ने शरणार्थियों से भरी बसों को आगे बढ़ने से रोक दिया था। ये शरणार्थी बुडापेस्ट के मुख्य रेलवे स्टेशन पर कई दिनों तक फंसे होने के बाद आॅस्ट्रिया की सीमा पर पहुंचे थे। लेकिन आॅस्ट्रिया और जर्मनी के प्रवासियों को शरण देने के फैसले के बाद ये बस आगे के लिए रवाना हुई।