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बेलआउट की शर्तों को ग्रीस ने नकारा, शेयर बाजारों में खलबली

यूनान की जनता ने अंतरराष्‍ट्रीय अार्थिक मदद (बेलआउट पैकेज) की शर्तों को जनमत संग्रह में जोरदार तरीके से ठुकरा दिया है। इसके साथ ही यूनान और यूरोप की साझा मुद्रा के भविष्‍य को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है। बेलआउट पैकेज के बदले खर्चों में कटौती की शर्तों को यूनान के 61 फीसदी लोगों ने 'ना' पर मुहर लगाकर नकार दिया। इस फैसले के बाद यूनान के यूरोजोन से बाहर होने की आशंका बढ़ गई है। बेलआउट पैकेज की शर्तों के खारिज होने का सीधा मतलब है कि आईएमएफ और यूरो‍पीय संघ से कर्ज के लिए चल रही यूनान की वार्ता को झटका लगेगा।
बेलआउट की शर्तों को ग्रीस ने नकारा, शेयर बाजारों में खलबली

  
रविवार को हुए जनमत संग्रह के नतीजों के मुताबिक, बेलआउट पैकेज के पक्ष में सिर्फ़ 38.7 फीसदी लोगों ने मतदान किया जबकि इसके विरोध में 61.3 फीसदी वोट पड़े। गौरतलब है कि यूनान की सत्‍ताधारी सिरीजा पार्टी ने बेलआउट पैकेट कि शर्तों को अपमानजनक बताया था। जनमत संग्रह के नतीजों के बाद यूनान के प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिप्रास ने इसे लोकतंत्र की जीत बताते हुए कहा है कि यूनान की जनता ने एकजुटता और लोकतांत्रिक यूरोप के पक्ष में अपनी राय दी है। एथेंस में हजारों लोग इन नतीजों पर खुशी जाहिर करते हुए सड़कों पर निकल आए हैं और नो-नो के नारे लगा रहे हैं। इस बीच, यूनान के रूढिवादी विपक्ष के नेता एंतोनी समारास और वित्‍त मंत्री यानिस वारफाकिफ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। 
 
बेलआउट पैकेज की शर्तों का विरोध कर यूनान की यूरोजोन सदस्‍यता को खतरे में डालने के लिए प्रधानमंत्री सिप्रास की आलोचना भी हो रही है। उन पर यूनान के अर्थव्‍यवस्‍था को दांव पर लगाने के आरोप भी लग रहे हैं लेकिन फिलहाल यूनान की जनता ने वामपंथी सरकार ने भरोसा जताया है। उधर, यूनान संकट पर चर्चा के लिए मंगलवार को यूरोजोन के वित्‍त मंत्रियों की बैठक बुलाई गई है। यूरोप के वित्‍त मंत्री जनमत संग्रह के फैसले को यूनान के भविष्‍य के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बता रहे हैं। 
 
 
पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कर्ज की किस्त चुकाने में नाकाम रहने के बाद यूरोपीय संघ और आईएएमएफ ने यूनान को नया कर्ज देने के लिए कई शर्तें रखीं, जिसमें सरकार की ओर से जनता पर होने वाले खर्चों में कटौती की शर्त भी शामिल थी। जनमत संग्रह के जरिए यूनान की जनता से बेलआउट पैकेज की इन शर्तों पर हां या ना में राय मांगी गई थी। एथेंस में देवी एथेना के मंदिर की पहाड़ी की तलहटी से लेकर एजियन सागर में दूरदराज तक फैले ग्रीस के द्वीपों की 1.1 करोड की आबादी रविवार सुबह से ही मतदान केंद्रों पर इस जनमत संग्रह में भाग लेने के लिए पहुंची।
 
भारतीय बाजारों में गिरावट 
इस जनमत संग्रह के बाद यूनान का यूरोजोन से बाहर जाना लगभग तय माना जा रहा है। यूनान की जनता के फैसले का असर दुनिया भर के बाजारों पर पड़ सकता है। सोमवार को भारतीय शेयर बाजार पर भी इसका असर देखने को मिला। सोमवार को भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई। 
 
एशिया में चीन को छोड़ सभी बाजारों में गिरावट
एशियाई बाजारों पर ग्रीस संकट का असर देखने को मिल रहा है। चीन के बाजार शंघाई इंडेक्स को छोड़कर सभी प्रमुख इंडेक्स गिरावट के साथ कारोबार कर रहे है। जापान का बैंचमार्क इंडेक्स निक्केई 300 अंक लुढक़कर 20,257 के स्तर पर है। वहीं, हैंगसैंग, दक्षिण कोरिया का कोस्पी और ऑस्ट्रेलिया का एएसएक्स 200 एक फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे है। चीन में हुए पॉलिसी बदलाव के चलते इंडेक्स में जोरदार तेजी है।
 
क्रूड और सोने की कीमतों में गिरावट
ग्रीस के जनमत संग्रह में शर्तों को ठुकराने की खबर के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड कीमतों में भारी गिरावट है। नायमैक्स पर क्रूड का भाव 3 फीसदी लुढ़ककर 55.09 डॉलर प्रति बैरल पर है। वहीं ब्रेंट क्रूड 60 डॉलर के नीचे फिसल गया है। इसके अलावा कॉमैक्स पर सोना टूटकर 1170 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर आ गया है। वहीं कॉमैक्स पर चांदी 0.5 फीसदी टूटकर 15.6 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर कारोबार कर रही है।
 
 
 
 
 

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