प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन से पहले ब्रिक्स देशों के नेताओं की बैठक में कहा, पेरिस में हुए बर्बर आतंकी हमले की कड़ी निंदा करने में हम सब एक थे। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि पूरी मानवता को आतंकवाद के खिलाफ एक होकर खड़े होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत जब एक फरवरी 2016 से ब्रिक्स समूह की अध्यक्षता का दायित्व संभालेगा तब वह आतंकवाद से लड़ने को प्राथमिकता देगा। उल्लेखनीय है कि 13 नवंबर को पेरिस में आईएसआईएस आतंकी हमलों में 129 लोग मारे गए और 352 लोग घायल हुए जिनमें से कई की हालत गंभीर है। मोदी ने कहा, आतंकवाद से लड़ना ब्रिक्स देशों की भी प्राथमिकता होनी चाहिए। मोदी के अलावा ब्रिक्स की इस बैठक में रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा और ब्राजील की राष्ट्रपति दिल्मा रूसेफ उपस्थित थीं।
मिस्र के सिनाई इलाके में एक रूसी यात्री विमान गिरने की घटना के संदर्भ में मोदी ने कहा, हम सिनाई की दुर्घटना में लोगों के मारे जाने पर रूस के साथ गहरी सहानुभूति जताते हैं। अंकारा और बेरूत की घटनाएं भी हमें आतंकवाद के बढ़ते प्रसार और प्रभाव के प्रति सतर्क करती है। प्रधानमंत्री ने कहा, भारत जब ब्रिक्स की अध्यक्षता का दायित्व संभालेगा तब जवाबदेही, समावेशी और सामूहिक समाधान हमारा ध्येय होगा, यानी ब्रिक्स का ध्येय होगा। यह हमारे समूह की भावना को स्पष्ट करता है। उन्होंने कहा कि एक समय था जब ब्रिक्स के औचित्य और उसकी क्षमता पर सवाल खड़े किए जा रहे थे लेकिन आज ब्रिक्स भी जी20 को एक शक्ल दे सकता है। साथ ही उन्होंने कहा, हमने अपने कदमों से ब्रिक्स की प्रसांगिकता और उसके मूल्य के सबूत पहले ही पेश किए हैं। और ऐसा विश्व द्वारा विशाल चुनौतियों का सामना करने के दौरान हुआ है। उन्होंने कहा कि हम साथ मिलकर जी20 को भी एक स्वरूप प्रदान कर सकते हैं।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि नया विकास बैंक, मुद्रा भंडार व्यवस्था, ब्रिक्स आर्थिक सहयोग रणनीति हमारे दृष्टि और संकल्प के स्पष्ट सबूत हैं। उन्होंने कहा, भारत ब्रिक्स को शीर्ष महत्व देता है। हम एक फरवरी 2016 से ब्रिक्स की अध्यक्षता का दायित्व संभालने के लिए सम्मानित महसूस कर रहे हैं। यह संगठन अन्य सदस्यों की कड़ी मेहनत से बना है।