ब्रिटेन के चुनाव नतीजे काफी अप्रत्याशित रहे हैं। डेविड कैमरन की कंजरवेटिव पार्टी ने स्पष्ट बहुमत का जादूई आंकड़ा पार कर लिया है। कुल 650 सीटों में सभी सीटों के परिणाम आ चुके हैं। सत्ताधारी कंजरवेटिव पार्टी को कुल 331 सीटें मिली हैं, जबकि सरकार बनाने के लिए निचले सदन में कुल 326 सांसदों की जरूरत है। मुख्य विपक्षी दल लेबर पार्टी को सिर्फ 232 सीटों पर कामयाबी मिली है। लेबर पार्टी को सबसे ज्यादा नुकसान स्कॉटलैंड में हुआ, जबकि इंग्लैंड और वेल्स भी पार्टी का जनाधार खिसका है। डैमोक्रेट्स की भी इन चुनाव में करारी हार हुई है।
लेकिन इस चुनाव में सबसे बड़ा उलटफेर स्कॉटिश नेशनल पार्टी (एसएनपी) ने किया जो तीसरे नंबर पर रही। स्कॉटलैंड की अधिकांश सीटें इसी पार्टी के खाते में आई हैं। एसएनपी को कुल 56 सीटों पर जीत हासिल हुई। चुनाव में मिली हार के बाद लेबर पार्टी के नेता ऐड मिलिबैंड और लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता निक क्लेग ने पार्टी के नेता पद से इस्तीफ़ा दे दिया। उधर, कैमरन ने सरकार बनाने के लिए ब्रिटेन की महारानी से मुलाक़ात की है।
एग्जिट पोल में विपक्षी लेबर पार्टी और सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी के बीच कांटे के मुकाबले की उम्मीद जताई थी। लेकिन चुनाव नतीजों ने इन कयासों को गलत साबित कर दिया है। शुरुआत में पिछड़ने के बाद कंजरवेटिव पार्टी पूर्ण बहुमत पाने में कामयाब रही।
संघीय व्यवस्था की मजबूती पर जोर
ऐतिहासिक जीत के बाद कैमरन ने कहा कि वह स्कॉटलैंड को और अधिकार देने की योजना को लागू करेंगे लेकिन साथ ही वेल्स और नॉर्दन आयरलैंड को भी ज्यादा अधिकार दिए जाएंगे। इस प्रकार स्कॉटलैंड में हुआ उलटफेर ब्रिटेन में संघीय व्यवस्था को मजबूती दिलाने में अहम भूमिका निभा सकता है। ब्रिटेन के इन चुनावों में भारतीय मूल की सीमा मल्होत्रा की जीत भी शामिल हैं। उन्होंने एस्टन से चुनाव जीता है। गौरतलब है कि ब्रिटेन में भारतीय मूल के करीब छह लाख 15 हजार मतदाता हैं।