जैश सरगना मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर चीन द्वारा वीटो करने के बाद फ्रांस ने शुक्रवार को इस आतंकवादी संगठन पर खुद एक्शन लेने का फैसला किया है। फ्रांस ने अब जैश सरगना मसूद की संपत्ति को फ्रीज करने का फैसला किया है। जैश के खिलाफ फ्रांस की अबतक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। हाल ही में मसूद के पक्ष में चीन की तरफ से वीटो करने का अमेरिका समेत कई देशों ने आलोचना की थी।
भारत में फ्रांस के राजदूत अलेक्जेंडर जिग्लर ने शुक्रवार को एक ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। इसमें फ्रांस सरकार के गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय द्वारा जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि फ्रांस सरकार अपने देश में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद की संपत्तियों को फ्रीज करेगी। साथ ही, इस बयान में ये भी कहा गया है कि फ्रांस मसूद को यूरोपियन यूनियन की आतंकवादी सूची में शामिल करने को लेकर बात करेगा। इसमें उन लोगों को शामिल किया जाता है जो आतंकी गतिविधियों में शामिल होते हैं।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी जैश ने ही ली थी। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे।
France sanctions Masood Azhar:
Joint Press Release from The Ministry of Europe and Foreign Affairs, The Ministry of Economy and Finance and The Ministry of the Interior.Read the complete joint press release below ⬇️https://t.co/1izwMeCJlK
— Alexandre Ziegler (@FranceinIndia) March 15, 2019
मसूद पर चीन ने लगाया था अड़ंगा
पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की राह में चीन ने चौथी बार अड़ंगा लगा दिया था। मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर फैसले से कुछ मिनट पहले चीन ने वीटो का इस्तेमाल करते हुए प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी। बता दें कि 2017 में भी चीन ने ऐसा ही किया था। बीते 10 साल में संयुक्त राष्ट्र में अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने का यह चौथा प्रस्ताव था।
संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने पेश किया था प्रस्ताव
पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद फ्रांस के नेतृत्व में ब्रिटेन और अमेरिका ने मसूद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पेश किया था। उल्लेखनीय है कि भारत लंबे समय से सुरक्षा परिषद का ध्यान इस ओर आकर्षित कर रहा है कि जैश पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगाया है, लेकिन उससे संस्थापक को बैन नहीं किया जा रहा। अजहर पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के बहावलपुर में कौसर कालोनी में रहता है।
जनवरी 2016 में पंजाब के पठानकोट में भारतीय वायु सेना के बेस पर जैश के हमले के बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र की ओर से अजहर पर प्रतिबंध लगाने को लेकर अपनी कोशिशें तेज कर दी थीं। इसमें भारत को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस का भी समर्थन मिला था, लेकिन चीन ने इसका विरोध किया था।
यूएन राजनयिकों ने दी चीन को चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के राजनयिकों ने चीन को चेतावनी दी है। डिप्लोमैट्स ने कहा कि अगर चीन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के रास्ते में रुकावट बनेगा तो वह इस पर कदम उठाने पर मजबूर हो सकते हैं।
सुरक्षा परिषद के एक राजनयिक ने चीन को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, 'अगर चीन इस कार्य में बाधा पैदा करना जारी रखता है, तो जिम्मेदार सदस्य देश, सुरक्षा परिषद में अन्य कदम उठाने पर मजबूर हो सकते हैं। ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होनी चाहिए।' डिप्लोमैट ने अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर यह बात कही।