दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति ली म्यूंग बाक को भ्रष्टाचार के मामले में शुक्रवार को 15 साल के कारावास की सजा सुनाई गई है। उन पर 13 अरब वॉन (1.15 मिलियन डॉलर) का जुर्माना लगाया गया है। दोषी ठहराए गए देश के पूर्व नेताओं में अब ली का नाम भी शामिल हो गया है। ली को रिश्वतखोरी और गबन समेत अन्य आरोपों में दोषी पाया गया।
समाचार एजेंसी 'योनहैप' ने एक अभियोजन अधिकारी के हवाले से बताया कि 76 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति अपने भाई की कंपनी डीएएस के वास्तविक मालिक हैं और यही कंपनी भ्रष्टाचार के केंद्र में है। अदालत ने पाया कि ली ने दावा किया कि वाहन के कलपुर्जे बनानेवाली विवादास्पद कंपनी डीएएस उनके भाई की है जबकि उसके असली मालिक वह थे। ली ने इस कंपनी का उपयोग बेईमानी का पैसा बनाने के लिए किया। हालाकि ली ने भ्रष्टाचार के कई आरोपों से तो इनकार किया और अपने खिलाफ कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी से राष्ट्रपति बने ली 2008 से 2013 तक इस पद पर रहे थे। जज ने कहा, सभी बातों को ध्यान में रखते हुए आरोपी पर भारी दंड अपरिहार्य है। अदालत की कार्यवाही टेलीविजन पर प्रसारित की गयी। स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर ली अदालत में पेश नहीं हुए। मार्च में गिरफ्तार किए गए ली को अप्रैल में गबन और सत्ता के दुरुपयोग समेत 16 आरोपों में दोषी ठहराया गया था। अभियोजन पक्ष ने ली के लिए 20 साल की सजा की मांग की थी।
सहयोगियों पर भी लगे हैं आरोप
हाल में पूर्व राष्ट्रपति के रिश्तेदारों एवं सहयोगियों पर उनके राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार में लिप्त रहने के आरोप लगे हैं। पूर्व राष्ट्रपति ली ने कई आरोपों से इनकार किया लेकिन उन्होंने कुछ तथ्यों को स्वीकार किया है। मसलन उन्होंने एक लाख डॉलर की रकम लेने की बात कबूली है। इसे उन्होंने कथित रूप से एनआईएस से लिया था। उन्होंने इस धन का क्या किया इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी और बाकी की रकम लेने की बात भी खारिज की। ली के एक पूर्व सहायक किम ही- जूंग ने 'हैंकूक इलबो' समाचार पत्र को बताया कि ली की अमेरिका यात्रा के दौरान वर्ष 2011 में उसने खुद ली की पत्नी को एक लाख डॉलर की रकम सौंपी थी।
कई पूर्व नेता ठहराए जा चुके हैं दोषी
इससे पहले दक्षिण कोरिया के कई पूर्व नेताओं को आपराधिक कृत्यों के लिए दोषी ठहराया गया है और कई नेताओं के खिलाफ जांच चल रही है। ली के उत्तराधिकारी पार्क गुन हाई को पद से हटने के बाद 25 साल जेल की सजा हुई थी। 2017 में उन पर भी रिश्वत और सत्ता के दुरुपयोग के आरोप लगे थे। हालाकि इसके लिए मौजूदा राष्ट्रपति मून जे की आलोचना हो रही है। मून जे इन ने इन दिनों पूर्व नेताओं और आला अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है जिनमें कई गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है।