विश्वविद्यालय में मिशन एंड मिनिस्ट्री के अंतरिम उपाध्यक्ष रे हॉवर्ड ग्रे ने कहा, मुझे ब्रह्मचारी व्रजविहारी शरण को जॉर्जटाउन के हिंदू लोगों के पहले पूर्णकालिक निदेशक और पहले हिंदू पुजारी के रूप में नियुक्त करते हुए खुशी हो रही है।
शरण एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के बाद जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय से जुड़े हैं। वहां वह हिंदू पुजारी के रूप में तैनात थे। वह न्यू साउथ हॉल में पहले साल के छात्रों के लिए आवासीय कुलगुरू (चैप्लेन इन रेजीडेंस) के रूप में भी काम करेंगे।
ग्रे ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, शरण को अंतरधार्मिक छात्र गठन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता एवं विश्वविद्यालय में हिंदू समुदाय की व्यापकता को देखते हुए जॉर्जटाउन में लिया गया है। विश्वविद्यालय में लगभग 400 हिंदू छात्र एवं शिक्षक हैं।
ग्रे ने लिखा कि वर्ष 1789 में अपनी स्थापना के बाद से, देश का सबसे प्राचीन कैथोलिक एवं जीशूइट विश्वविद्यालय जॉर्जटाउन सभी धर्मों के छात्रों के लिए खुला रहा है। शरण श्री गोलोक धाम आश्रम (वृंदावन और नई दिल्ली) में वरिष्ठ पुजारी हैं। उन्होंने वाराणसी और दिल्ली दोनों में ही विश्वनाथ संन्यास आश्रम में अपना अनुष्ठानिक प्रशिक्षण पूरा किया था।
उन्होंने एडिनबर्ग में सन 2015 में अपनी पीएचडी पूरी की। शरण वेल्स के कार्डिफ विश्वविद्यालय में एशियन रिलीजंस के लेक्चरार रह चुके हैं। वह लंदन विश्वविद्यालय में संस्कृत के वरिष्ठ शिक्षण शोधार्थी भी रहे हैं। शरण जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के दूसरे हिंदू पुजारी हैं। हालांकि वह पूर्णकालिक आधार पर नियुक्त किए जाने वाले पहले पुजारी हैं। पहली हिंदू पुजारी प्रतिमा धारण ने जनवरी 2015 में इस्तीफा दे दिया था। जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के हिंदू छात्रों के संघ ने कैंपस मिनिस्ट्री में हिंदू लोगों के लिए पहले पूर्णकालिक निदेशक की नियुक्ति का स्वागत किया है।
एजेंसी इनपुट