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भारतीय उच्चायोग ने ब्रिटिश अधिकारियों को सौंपा नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का आग्रह दस्तावेज

लंदन में भारतीय उच्चायोग ने भगोड़े हीरा कारोबारी और 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएबी) घोटाले...
भारतीय उच्चायोग ने ब्रिटिश अधिकारियों को सौंपा नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का आग्रह दस्तावेज

लंदन में भारतीय उच्चायोग ने भगोड़े हीरा कारोबारी और 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएबी) घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण आग्रह से संबंधित दस्तावेज ब्रिटेन के केंद्रीय प्राधिकरण को सौंपे हैं। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

ब्रिटेन के गृह मंत्रालय के तहत आने वाली यह इकाई अब भारत के इस अनुरोध पर विचार करेगी। यह आपसी सहमति के कानूनी सहायता आग्रह के तहत आता है। यह इकाई आपराधिक जांच या प्रक्रिया में सहयोग करती है। उसके बाद ही नीरव मोदी के खिलाफ प्रत्यर्पण वॉरंट जारी किया जाएगा। नीरव मोदी कहा हैं यह अभी यह ज्ञात नहीं हैं।

ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसीक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने जून में सूचित किया था कि इस अनिश्चितता के बावजूद वह प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर सकती है। राज्यसभा में एक लिखित जवाब में इसी सप्ताह विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह ने कहा था कि नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का आग्रह लंदन में भारतीय उच्चायोग को भेजा गया है। इसे आगे ब्रिटेन के अधिकारियों को दिया जाएगा।

लंदन में आधिकारिक सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की कि दस्तावेज जमा कराने के बाद प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। ब्रिटेन के प्रत्यर्पण कानून, 2003 के तहत भारत श्रेणी दो में आता है। इसमें ब्रिटेन की अदालत के अलावा देश के गृह मंत्री की मंजूरी की भी जरूरत होती है।

गौरतलब है कि नीरव मोदी और उसका मामा मेहुल चौकसी इस घोटाले के मुख्य आरोपी हैं। घोटाला सामने आने से पहले ही दोनों देश से फरार हो गए हैं। हाल में यह खबर आई है कि चौकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता ले ली है जबकि नीरव के ठिकाने के बारे में सही जानकारी नहीं है। पिछले दिनों यह रिपोर्ट आई थी ‌कि हाल के महीनों में वह ब्रिटेन, फ्रांस और बेल्जियम में रहा है।

भारत में विशेष अदालत ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके रिश्तेदार मेहुल चौकसी को अदालत में हाजिर होने के लिए समन जारी किया है। अदालत ने इन्हें 25 और 26 सितंबर को अदालत में पेश होने को कहा है। इन दोनों पर 13,400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। दोनों आरोपियों के खिलाफ ईडी और सीबीआइ जांच कर रही हैं।

इससे पहले भारत सरकार ने एंटीगुआ से मेहुल चौकसी को प्रत्यर्पित करने को कहा था, लेकिन एंटीगुआ सरकार ने कहा था कि उसके प्रत्यर्पण को लेकर भारत सरकार से कोई भी संधि नहीं हुई है।

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