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नेपाल सुप्रीम कोर्ट का खुलासा- छात्रों के नेतृत्व वाले प्रदर्शन में महत्वपूर्ण न्यायिक रिकॉर्ड नष्ट हुआ

नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि देश के न्यायिक इतिहास का हिस्सा रहे महत्वपूर्ण दस्तावेज हाल ही...
नेपाल सुप्रीम कोर्ट का खुलासा- छात्रों के नेतृत्व वाले प्रदर्शन में महत्वपूर्ण न्यायिक रिकॉर्ड नष्ट हुआ

नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि देश के न्यायिक इतिहास का हिस्सा रहे महत्वपूर्ण दस्तावेज हाल ही में हुए छात्रों के नेतृत्व वाले सरकार विरोधी प्रदर्शनों में लगभग नष्ट हो गए। हालांकि, न्यायालय ने जल्द से जल्द कामकाज फिर से शुरू करने का संकल्प जताया है।

चीफ जस्टिस प्रकाशमान सिंह राउत ने गुरुवार को कहा, हम सभी परिस्थितियों में न्याय के मार्ग पर अडिग और दृढ़ हैं। मुख्य न्यायाधीश ने देश भर में फैले जेन-जेड आंदोलन के दौरान आगजनी, पथराव, तोड़फोड़ और लूटपाट के कारण अदालत भवनों को हुए नुकसान पर दुख जताया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार (13 सितंबर) को माय रिपब्लिका समाचार पोर्टल ने उनके हवाले से कहा, हम नागरिकों की न्याय की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए जल्द से जल्द अदालती कामकाज फिर से शुरू करने का संकल्प लेते हैं। मुख्य न्यायाधीश प्रकाशमान सिंह राउत ने कहा कि नेपाल के न्यायिक इतिहास से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज हिंसा में लगभग नष्ट हो गए।

मुख्य न्यायाधीश राउत ने जेन-जी आंदोलन के दौरान कोर्ट भवनों पर आगजनी, पथराव, तोड़फोड़ और लूटपाट से हुए नुकसान पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि नेपाल के न्यायिक इतिहास के महत्वपूर्ण दस्तावेज हिंसा में लगभग नष्ट हो गए। राउत ने हिंसा में मारे गए नागरिकों की मौत पर शोक व्यक्त किया और शोकसंतप्त परिवारों के प्रति संवेदना जताई, साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। नेपाल पुलिस के नए आंकड़ों के अनुसार, इन प्रदर्शनों में कम से कम 51 लोग मारे गए, जिनमें एक भारतीय नागरिक भी शामिल है।

सोमवार को सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुआ आंदोलन जल्द ही भ्रष्टाचार और राजनीतिक उदासीनता के खिलाफ बड़े अभियान में बदल गया। सोमवार रात को सोशल मीडिया बैन हटा लिया गया, लेकिन हिंसा जारी रही। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने संसद, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, सरकारी भवनों, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के घरों को आग के हवाले कर दिया। मंगलवार को यह आंदोलन केपी शर्मा ओली सरकार के पतन का कारण बना।

शुक्रवार रात पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की ने नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में अंतरिम सरकार के प्रमुख के तौर पर शपथ ली, जिसने कई दिनों की राजनीतिक अनिश्चितता को समाप्त किया।

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