अफगानिस्तान ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया है कि वह कश्मीर के बहाने उसके यहां हिंसा के दौर को लंबा खींचना चाहता है। अफगानिस्तान ने अमेरिका द्वारा चलाई जा रही शांति वार्ता के साथ कश्मीर मुद्दे को जोड़ने के पाकिस्तान के प्रयास को अवांछित और गैर जिम्मेदाराना बताया है और इसकी कड़ी निंदा की है।
अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत असद मजीद खान ने न्यूयॉर्क टाइम्स से बातचीत में कहा था कि भारत-पाक के बीच कश्मीर को लेकर हाल के तनाव के चलते पाकिस्तान को सेना अफगानिस्तान सीमा से हटाकर भारत से लगी सीमा पर लगानी पड़ सकती है। इसके बाद अखबार ने कहा था कि अगर ऐसा होता है तो अमेरिका और तालिबान के बीच चल रही शांति वार्ता उलझ सकती है। खान का यह बयान जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देना वाला अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का विभाजन किए जाने के फैसले के बाद भारत-पाक के बीच तनाव बढ़ने के बाद आया है। भारत के फैसले के विरोध में पाकिस्तान ने राजनयिक संबंध घटाकर भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया।
'गैरजिम्मेदाराना और अवांछित'
अमेरिका में अफगानिस्तान की राजदूत रोया रहमानी के पाक के राजदूत के गुमराह करने वाले बयान को खारिज करते हुए कहा कि अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया से कश्मीर के ताजा हालात को जोड़ना बेहद गैरजिम्मेदाराना और अवांछित हैं। कश्मीर को भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मसला बताते हुए रहमानी ने कहा कि उनका देश मानता है कि अफगानिस्तान के साथ कश्मीर को जोड़ने के पीछे पाकिस्तान की मंशा अफगानिस्तान की जमीन पर हिंसा का दौर लंबा खींचने की है।
'यह पाकिस्तान का कमजोर बहाना'
अफगानी राजनयिक ने कहा कि तालिबान के खिलाफ अपनी निष्क्रियता को छिपाने और उसके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई से बचने के लिए पाकिस्तान का यह बेहद कमजोर बहाना है। पाकिस्तानी राजदूत का यह बयान कि कश्मीर मसले के चलते पाकिस्तान को अपनी सेनाएं अफगानिस्तान से लगी पश्चिमी सीमा से हटाकर भारत से लगती पूर्वी सीमा पर तैनात करने पर विवश होना पड़ सकता है, गुमराह करने वाला है। इस बयान से यह गलत संकेत मिलता है कि अफगानिस्तान से पाकिस्तान को खतरा है।