बलूचिस्तान में लापता लोगों को लेकर अभियान चलाने वाले बलूच कार्यकर्ता मामा कादिर ने पाकिस्तान पर आतंक की फैक्ट्री चलाने और कुलभूषण जाधव का अपहरण कराने का आरोप लगाया है।
वॉयस फॉर बलूच मिसिंग पर्सन के वाइस चेयरमेन मामा कादिर ने कहा कि पाकिस्तान आतंक की फैक्ट्री चला रहा है। वह बलूच समेत दूसरों के खिलाफ उन्हें इस्तेमाल करने के लिए प्रशिक्षण देता है। पाकिस्तान ने 27 मार्च 1948 को बलूचिस्तान पर जबरन कब्जा कर लिया था, तब से पाक सेना और खुफिया एजेंसियां अत्याचार कर रही हैं। वे अपहरण करते हैं, हत्या करते हैं और क्षत-विक्षत शवों को सड़कों पर फेंक देते हैं ताकि वे बलूचिस्तान की आजादी के लिए आवाज न उठा सकें।
मामा कादिर का कहना है कि कुलभूषण जाधव का इरान से अपहरण पाकिस्तान के निर्देश पर मुल्ला उमर द्वारा किया गया था इसके लिए मोटी रकम चुकाई गई थी। पाकिस्तान ने ही हाफिज सईद, सलाहुद्दीन और मुल्ला उमर को जन्म दिया है और जाधव की गिरफ्तारी में इन्हीं का हाथ है। कुलभूषण इरान में व्यापार करता था। जाधव को क्वेटा से होते हुए इस्लामाबाद ले जाया गया और प्रताड़ित कर पाकिस्तान के समर्थन में बयान दिलवाया गया। कादिर ने कहा कि ग्वादर जाते समय, जहां सीपीइसी प्रोजेक्ट चल रहा है वहां स्थानीय आदमी को भी चार सुरक्षा चौकियों से गुजरना पड़ता है। ऐसे में कैसे उम्मीद की जा सकती है कि वहां कोई बाहरी आदमी रह सकता है? कुलभूषण जाधव के खिलाफ पाकिस्तान के पास कोई सबूत नहीं है।
कादिर का कहना है कि मौजूदा समय में 45 हजार बलूच लापता हैं और इसके वह गवाह हैं। कई नेताओं ने अपने बयान में यह बात स्वीकार की है, यह रिकॉर्ड में है। 2014-15 में गृह सचिव अकबर दुर्रानी ने बयान दिया था कि उन्होंने 13 हजार लोगों को गिरफ्तार किया है। इंटीरियर मिनिस्टर सरफराज बुगती ने माना था कि नौ हजार लोगों का अपहरण किया गया है। कादिर मामा का कहना है कि उन्हें मौत की धमकियां मिल चुकी हैं और यह सिलसिला अब भी जारी है। हो सकता है कि बलूचिस्तान पहुंचने पर मेरा अपहरण हो जाए या मारा जाऊं लेकिन मैं बलूचिस्तान की आजादी के लिए आवाज उठाता रहूंगा। मालूम हो कि 2009 में कादिर के 35 वर्षीय बेटे जलील अहमद रेखी की खुफिया एजेंसियों द्वारा निर्मम हत्या कर दी गई थी।