राष्ट्रद्रोह के एक मामले में एक विशेष अदालत ने आज पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। कोर्ट ने सरकार से पूर्व राष्ट्रपति की संपत्तियों को भी जब्त करने को कहा है।
राष्ट्रद्रोह के इस मामले की सुनवाई आज नौ महीने बाद शुरू हुई थी। जिओ टीवी के अनुसार जिस कोर्ट की पीठ ने यह आदेश दिया है उसकी अध्यक्षता पेशावर हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश याह्या आफरीदी कर रहे हैं। इस पीठ में लाहौर हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश यावर अली और बलूचिस्तान हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ताहिरा सफदर शामिल हैं।
इस पीठ का गठन 2013 में मुशर्रफ द्वारा नवंबर 2007 में देश में आपातकाल लगाने के केस की सुनवाई के लिए किया गया था। केस की सुनवाई शुरू होते ही गृह मंत्रालय ने मुशर्रफ की संपत्तियों के संबंध में रिपोर्ट पेश की। इसमें कहा गया कि सात में से चार संपत्तियों के मालिक पूर्व राष्ट्रपति हैं।
बहस के दौरान अधिवक्ता अकरम शेख ने कोर्ट से मुशर्रफ को गिरफ्तार करने और कोर्ट में पेश करने की मांग की। इस पर कोर्ट ने जब संघीय जांच एजेंसी से इस बात की जानकारी मांगी कि किसी भगोड़े को विदेश से कैसे वापस लाया जा सकता है। इस पर एजेंसी के अधिकारी ने बताया कि इस बारे में गृह मंत्रालय को अनुरोध भेजना होगा इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
इसके बाद जस्टिस आफरीदी ने कहा कि कोर्ट मुशर्रफ गिरफ्तारी और उनकी संपत्ति को जब्त करने का आदेश देता है। इस पर मुशर्रफ के वकील अख्तर शाह ने कोर्ट से आग्रह किया कि वह 21 मार्च तक संपत्ति की जब्ती का आदेश नहीं दें लेकिन जस्टिस आफरीदी ने कहा कि कोर्ट की प्रक्रिया टाली नहीं जा सकती है। इसके बाद सुनवाई 21 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई।