मनी लांड्रिंग और आतंकी वित्तीय पोषण पर नजर रखने वाले फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) से पाकिस्तान को राहत नहीं मिली है. एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान अभी बना रहेगा. एफएटीएफ के प्रसिडेंट मार्कस प्लेयर ने कहा कि पाकिस्तान लगातार निगरानी में बना रहेगा। उसने 27 में से 26 कार्यबिंदुओं को पूरा किया है।
दुनिया भर में मनी लांड्रिंग और आतंकी वित्त पोषण पर नजर रखने वाले फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को इस बार भी कोई राहत नहीं दी है। एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान बरकरार रहेगा। एफएटीएफ के प्रसिडेंट मार्कस प्लेयर ने कहा कि पाकिस्तान लगातार निगरानी में बना रहेगा। उसने 27 में से 26 कार्यबिंदुओं को पूरा किया है।
पाकिस्तान एफएटीएफ की सिफारिशों पर अमल करने में नाकाम रहा है। पाकिस्तान में विदेशों से और घरेलू स्तर पर लगातार आतंकी संगठनों को आर्थिक मदद मिलती रही है। एफएटीएफ के समूह में चीन, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और भारत शामिल हैं। एफएटीएफ की तरफ से पाकिस्तान को अगले छह महीने के लिए एक बार फिर से ग्रे लिस्ट में रखने का औपचारिक ऐलान आज किया गया है। एफएटीएफ की बैठक 21 जून से शुरू हुई थी। 25 जून को वोटिंग हुई। इससे उसे तगड़ा झटका लगा।
पाकिस्तान को 2018 के जून महीने में ही ग्रे सूची में डाला था। इसके बाद अक्टूबर 2018 और फरवरी 2019 में हुए एफएटीएफ के रिव्यू के दौरान भी पाकिस्तान को कोई राहत नहीं मिल पाई थी। एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बने रहने के बाद पहले से ही बदहाली की हालत झेल रहे पाक की आर्थिक स्थिति पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। इस लिस्ट में होने से उसे विश्व बैंक, आईएमएफ और यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद मिलने में समस्या रहेगा। साथ ही, दूसरे देशों से भी आर्थिक तौर पर मंदद नहीं मिल पाएगी।